जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ । योगी आदित्यनाथ सरकार ने विकास दुबे प्रकरण में विवादों में आए कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव समेत चार पुलिस अधिकारियों का स्थानातंरण कर दिया है। कानपुर में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्र द्वारा लिखी चिट्ठी की जांच की आंच में फंसे अनंत देव को मुरादाबाद में पीएसी सेक्टर में डीआईजी बनाया गया है। उन पर यह कार्रवाई जांच के लिए कानपुर गईं आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह की प्रारंभिक जांच के बाद की गई है। अनंत देव एसटीएफ में रह विकास दुबे द्वारा किए गए कांड की भी जांच में लगाए गए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में हुई घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह को मंगलवार की सुबह जांच के लिए कानपुर भेजा। लक्ष्मी सिंह ने सीओ बिल्लौर के कार्यालय में पहुंच कर पड़ताल की। साथ ही सीओ के वायरल हुए आडियो के बार में भी छानबीन की।
सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद उन्होंने प्रारंभिक जांच के तथ्यों से शासन के आला अधिकारियों को अवगत कराया। इसके बाद ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसटीएफ में तैनात डीआईजी अनंत देव को हटा दिया गया।
अनंत देव कानपुर में एसएसपी थे और सीओ द्वारा चौबेपुर के थानाध्यक्ष की शिकायत करने पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी। यही नहीं सीओ ने बिल्लोर के अन्य इंस्पेक्टर और पुलिस कर्मियों के बारे में भी शिकायत की थी लेकिन एसएसपी ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसी के साथ पीएसी 15वीं वाहिनी आगरा में तैनात सुधीर कुमार सिंह को एसएसपी एसटीएफ के पद पर तैनाती दी गई है।
वाराणसी व मुरादाबाद के एसएसपी भी बदले
शासन ने मुरादाबाद के एसएसपी अमित पाठक को हटाकर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तैनात कर दिया है। वाराणसी में तैनात एसएसपी प्रभाकर चौधरी को वहां से हटाकर मुरादाबाद का एसएसपी बनाया गया है। माना जा रहा है कि प्रभाकर चौधरी को वाराणसी में भाजपा नेताओं से विवाद के चलते हटाया गया है।