जनजीवन ब्यूरो / वॉशिंगटन । अमेरिका में विदेशी स्टूडेंट को वीजा नहीं देने के फैसले के खिलाफ अमेरिका की दो टॉप यूनिवर्सिटी हावर्ड और एमआईटी (मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने घोर आपत्ति जताते हुए इस पर दोबारा विचार करने की मांग की है। दोनों यूनिवर्सिटी ने कहा है कि अचानक लिये गये फैसले से वहां रह रहे स्टूडेंट को बहुत परेशानी हो सकती है और यह स्टूडेंट के हित के लिए नहीं है।
वीजा के कारण भारतीय छात्रों की बढ़ी मुश्किलें
दोनों यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में सबसे अधिक संख्या भारतीय छात्रों की है। सूत्रों के अनुसार इन दोनों यूनिवर्सिटीज की ओर से आवाज उठाने के बाद दूसरे यूनिवर्सिटी भी अमेरिकी प्रशासन के फैसले के विरोध में आ सकते हैं। वहां इस फैसले के बाद कई शिक्षाविदों ने भी विरोध किया। इसके बाद वहां रह रहे हजारों स्टूडेंट को राहत मिलने की उम्मीद है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय का नरम रूख
वहीं अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने उठे विवाद के बीच अपना रूख नरम किया है। अमेरिका ने कहा कि वीजा के नये नियम को प्रभाव कम से कम पड़े इसके लिए रास्ते तलाशे जाएंगे। यह भी कहा गया कि नये कानून के लिए विस्तृत गाइडलाइंस अभी जारी होने हैं जिसमें बहुत सारी संदेह को दूर करने का प्रयास होगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से यह बयान भारत की ओर से चिंता जताने के बाद आया।
भारत ने अमेरिका से की बातचीत
मंगलवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन सिंगला और अमेरिका के अपने समकक्ष अधिकारी डेविड हैल के बीच वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से मीटिंग के बाद कही थी। सूत्रों के अनुसार बातचीच में स्टूडेंट वीजा और अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों के हितों का भी मसला प्रमुखता से उठा था।
इन वीजाधारकों को अमेरिका छोड़ने के आदेश
मालूम हो कि अमेरिका ने दो दिन पहले जारी अजीबोगरीब आदेश में कहा था कि ऐसे विश्विवद्यालय जहां कोविड काल में ऑनलाइन क्लास चल रहे हैं वहां के विदेशी स्टूडेंट को देश छोड़ना होगा। अमेरिका के इमिग्रेशन और कस्टम इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि दो तरह के वीजा- नॉनइमीग्रैंट F-1 और M -1 के तहत उन स्टूडेंट को अमेरिका आने की अनुमति नहीं होगी जिनके क्लासेस ऑनलाइन चल रही है। हैरानी की बात है कि आदेश के तहत ऐसे स्टूडेंट तो अमेरिका में हैं उन्हें भी लौटना होगा।
अगले सेमेस्टर के लिए भी नहीं जारी होगा वीजा
अमेरिका ने कहा कि ऐसे सभी स्टूडेंट के अगले सेमेस्टर के लिए वीजा जारी नहीं किया जाएगा। एफ1 वीजा रेगुलर एकेडमिक कोर्स करने वाले को दिया जाता है वहीं एम 1 वीजा वोकेशनल कोर्स वालों को दिया जा जाता है। मालूम हो कि अमेरिका में लगभग तीस फीसदी यूनिवर्सटी ने अब तक ऑनलाइन कोर्स करने का ऐलान पहले ही कर दिया है।