जनजीवन ब्यूरो / जयपुर : राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से खफा डिप्टी सीएम सचिन पायलट भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। यह पुष्टि उनके करीबियों ने की है। करीबियों का दावा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। उन्होंने कहा कि अगर गहलोत के पास बहुमत है तो वो विधानसभा में इसे साबित करें, अपने विधायकों को होटल में क्यों भेज रहे हैं।
दरअसल, राजस्थान के सीएम गहलोत के आवास पर सोमवार को विधायकों की बैठक हुई। फोटो भी सामने आई, जिसमें मुख्यमंत्री और विधायक विक्ट्री साइन दिखा रहे थे। लेकिन, 107 में से 18 विधायक गायब रहे, जो पायलट खेमे के थे। पर, गहलोत सरकार ने दावा किया कि बैठक में 102 विधायक पहुंचे थे। बहुमत के लिए 101 विधायक जरूरी हैं।
ये विधायक बैठक में नहीं शामिल हुए
सूत्रों के मुताबिक, जो विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए, उनमें राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाना, इंद्राज गुर्जर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा, इंदिरा मीणा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर और सुरेश मोदी हैं। रविवार देर रात पार्टी ने व्हिप जारी किया था। इसके मुताबिक, यदि कोई विधायक बिना किसी विशेष कारण के गैरहाजिर रहेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रविवार शाम डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दावा किया था कि 30 कांग्रेस विधायक उनके समर्थन में हैं और राज्य की गहलोत सरकार अल्पमत में है। इसके साथ पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मनमुटाव को भी स्पष्ट कर दिया। कहा कि वे विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, राजस्थान कांग्रेस के इंचार्ज अविनाश पांडे ने दावा किया कि हमारे पास 109 विधायकों के समर्थन पत्र हैं। गहलोत सरकार बहुमत में है।
दरअसल, पायलट विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रही एसओजी का नोटिस मिलने के बाद से नाराज हैं। उन्हें कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। इस बीच, सीएम गहलोत ने रविवार रात 9 बजे विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद गहलोत समर्थक विधायक ने दावा किया कि हमारे जितने विधायक जाएंगे, उससे ज्यादा विधायक हम भाजपा से ले आएंगे।
पूरे विवाद के बीच दिल्ली गए तीन विधायकों की सीएम हाउस में प्रेस वार्ता
दिल्ली गए कांग्रेसी विधायक दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा ने जयपुर लौटकर कहा कि वे निजी कारणों से दिल्ली गए थे। अगर मीडिया कहता है कि हम इस वजह से वहां गए, या उस वजह से वहां गए.. तो ये हमारी समस्या नहीं है। हम किसी भी विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। हम कांग्रेस के सिपाही हैं और आखिरी सांस तक कांग्रेस के साथ रहेंगे।
देर रात मुख्यमंत्री आवास में खाने पर 115 विधायक पहुंचने का दावा
मुख्यमंत्री गहलोत ने रविवार रात सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को सरकारी आवास पर खाने पर बुलाया। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। करीब 115 विधायक इस रात्रि भोज में शामिल हुए।
क्या कहता है समीकरण
पायलट का दावा है कि उनके संपर्क में 30 से ज्यादा विधायक हैं। इसे सही मानें तो गहलोत सरकरा अल्पमत में आ जाएगी। कांग्रेस के 107 में से 30 विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 170 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 86 विधायकों की जरूरत होगी। 30 के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 77 विधायक बचेंगे। एक आरएलडी विधायक पहले से उनके साथ है। कांग्रेस की कुल संख्या 78 होगी। यानी बहुमत से 8 कम। उधर, आरएलपी के 3 विधायक मिलाकर भाजपा के पास 75 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय तोड़ने होंगे। प्रदेश के 13 विधायकों में फिलहाल 10 कांग्रेस समर्थक हैं। अगर इसमें से भाजपा 8 विधायक अपनी तरफ कर ले तो सरकार बना सकती है।