मृत्युंजय कुमार / नई दिल्ली । राजस्थान में जिस बात की उम्मीद की जा रही थी वह आज हो गई। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है। साथ ही विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा को भी बर्खास्त कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जयपुर स्थित सीएम आवास में बुलाई गई बैठक में करीब 107 विधायकों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है। सीएम गहलोत ने मीडिया के सामने विधायकों की परेड कराई है। इस बैठक में उपमुख्यंत्री सचिन पायलट, मंत्री रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह बैठक से नदारद रहे। इसके अलावा विधायक राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाना, इंद्राज गुर्जर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी और पीआर मीणा भी बैठक में नहीं पहुंचे।
यह बैठक जयपुर के एक होटल में चल रही थी। आपको बता दें कि पार्टी की ओर से दूसरे दिन बुलाई गई विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट फिर शामिल नहीं हुए थे।
इसस पहले सचिन पायलट के खुलकर बागी तेवर अपना लेने के बाद कांग्रेस ने सोमवार सुबह जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें भी पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे। इस बैठक में शामिल विधायकों ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था प्रकट की और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन जताया।
सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष दोनों से हटा दिया गया। उनके साथ-साथ दो और मंत्रियों को भी पद से हटाने का फैसला लिया गया है। गोविंद सिंह दोतासरा को राजस्थान कांग्रेस को नया अध्यक्ष बनाया गया है।
हेमसिंह शेखावत को कांग्रेस सेवा दल का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि MLA गणेश घोघरा को यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
जयपुर में आयोजित विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट का राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है। इसको लेकर विधायकों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया है।
- हेमसिंह शेखावत को कांग्रेस सेवा दल का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
- गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- सचिन पायलट को डेप्युटी सीएम और प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद से हटाया गयाः सुरजेवाला
- बीजेपी राजस्थान की जनता द्वारा चुनी गई सरकार को गिराने की साजिश कर रही हैः सुरजेवाला
- बीजेपी ने ईडी और आईटी के जरिए कांग्रेस के विधायकों को खरीदने का माफ न करने लायक काम किया हैः सुरजेवाला
- कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला मौजूदा राजीतिक संकट को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं और इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं।
- कांग्रेस में सचिन पायलट की विदाई की तैयारी के बीच बीजेपी भी ऐक्टिव हो गई है। बीजेपी राज्य के सियासी हालात पर चर्चा के लिए बैठक कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर जयपुर रवाना हो गए हैं।
- बागी तेवर अपनाए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मनाने की तमाम कोशिशें फेल होने के बाद आखिरकार कांग्रेस ने ऐक्शन की तैयारी कर ली है। जयपुर के होटल फेयरमॉन्ट में हुई विधायक दल की बैठक में पायलट और बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया गया।
इस बीच सचिन पायलट खेमे से भी एक बयान सामने आया है। दीपेंद्र सिंह, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा ने बयान जारी करके आरोप लगाया है कि सचिन पायलट को प्रताड़ित किया जा रहा है। सचिन पायलट और हमें एसओजी के जरिए नोटिस भिजवाकर बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा है।
सीएमआर में जारी विधायक दल की बैठक में कांग्रेस और इसके समर्थित निर्दलीय तथा अन्य विधायकों की संख्या 107 से ज्यादा बताई जा रही है। यह 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बहुमत के आंकड़े से ऊपर है। इस पूरे घटनाक्रम में डिप्टी सीएम सचिन पायलट का सियासी दांव फेल हो गया है। मगर पायलट का प्रेशर पॉलटिक्स काम आया और पार्टी आलाकमान से बात करने की मंशा जाहिर किया। जिसे पार्टी ने हालात को देखते हुए हामी भरते हुए रजामंदी दे दी है।
बहरहाल पार्टी ने फिलहाल सचिन को वगैर गुटबाजी को बढ़ावा देते हए अध्यक्ष पद के लिए अभयदान दे दिया है। लेकिन गृह-वित्त मंत्रालय के बजाए सचिन को खनन और जल संसाधन में से कोई एक विभाग देने को हरी झंडी दे दी है। अब फैसला सचिन को लेना है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सचिन का बाजी हारने के बावजूद कांग्र्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अब इस सियासी संकट को निपटाने के लिए सामने आई हैं। जिसका माध्यम बने एक बार फिर वरिष्ठ नेता अहमद पटेल। सूत्रों का कहना है कि अहमद पटेल ने सचिन और प्रियंका गांधी के बीच एक कड़ी का काम किया है। पार्टी रणनीतिकार का मानना था कि भले ही राजस्थान में गहलोत ने सरकार बचाने के लिए संख्या बल साबित कर दिया है। मगर आयकर विभाग का रेड और भाजपा के कांग्रेस सरकार पर पैनी नजर को देखते हुए पार्टी रणनीतिकार ने विधायक का संख्या बल और मजबूत करने का निर्णय किया है। जिसके सूत्रधार बने पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, मीडिया प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला,अजय माकन और प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे। सूत्रों का कहना है उधर सचिन पायलट भी अपनी बेबसी के हालात में आ गए थे। लेकिन उन्होंने अपनी शर्त अध्यक्ष पद, गृह-वित्त विभाग और अपने चार लोगों को सरकार के बोर्ड/निगम में समावेश करने की बात कही है। जिसे रणनीतिकार ने मुख्यमंत्री गहलोत को विश्वास में लेकर बातचीत जारी रखा।
सूत्रों ने बाताया कि पार्टी के शीर्षस्थ रणनीतिकार ने फिलहाल बिना गुटबाजी को बढ़ावा देते हुए,अध्यक्ष पद पर बने रहने को हामी भर दी है। लेकिन ईशारा दे दिया गया है कि लंबे समय तक आप प्रदेश अध्यक्ष नहीं रह सकते हैं। वहीं वित्त/गृह विभाग देने से मना कर दिया गया है। मगर बदले में खनन या फिर जल संसाधन में से कोई एक विभाग देने की बात चल रही है।