जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक असम में मौजूदा बाढ़ की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। अगले दो-तीन दिनों में यहां तेज बारिश हो सकती है। इसके अलावा ब्रह्मपुत्र नदी से आ रहा पानी राहत काम में लगे प्रशासन की समस्याएं बढ़ा सकता है। बिहार में भी मध्यम स्तर की बारिश होने का अनुमान लगाया गया है। लेकिन यहां भी नेपाल से आ रही नदियों के पानी के कारण बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
वहीं उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में मानसून का इंतजार जल्दी ही ख्त्म हो सकता है। यहां अगले दो-तीन दिनों में अच्छी बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि असम के साथ-साथ नागालैंड, सिक्किम और आसपास के पर्वतीय राज्यों में अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश हो सकती है। इससे इन राज्यों के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है। ब्रह्मपुत्र नदी से आ रहा पानी असम में इस समस्या को और अधिक गंभीर बना सकता है।
19 से 21 जुलाई के बीच उत्तर प्रदेश सहित अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में मध्यम से अच्छी स्तर की वर्षा हो सकती है। हिमालय के निचले दक्षिण इलाकों के साथ-साथ गंगा के बहाव वाले मैदानी इलाकों में ज्यादातर जगहों पर अच्छी बारिश हो सकती है।
अनुमान है कि इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश हो सकती है। इससे अब तक सूखे रहे मानसून की भरपाई हो सकती है।
बिहार में बाढ़ की स्थिति
नेपाल की नदियों में आ रही बाढ़ ने इस समय बिहार को तबाह करके रख दिया है। इन नदियों में आई बाढ़ के कारण नेपाल से सटे बिहार के इलाकों फारबिस गंज, जोकीहाट, सिकटी और पलासी में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। बचने के लिए कई इलाकों के लोगों को अपना घर छोड़ सुरक्षित ठिकाना तलाशना पड़ा है।
इसके साथ ही बिहार के कई इलाकों में हुई जबरदस्त बारिश ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। कोसी नदी और गंडक नदी में आई बाढ़ ने गोपाल गंज के कई इलाकों में दर्जनों गांवों के लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। एनडीआरएफ की लगभग सौ टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
असम की स्थिति गंभीर
वहीं ब्रह्मपुत्र नदी में आए उफान ने असम के कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है। असम के धेमाजी, लखीमपुर, दरांग, बक्शा, कोकराझाड़, गोआलपाड़ा और डिब्रूगढ के कई इलाकों में बाढ़ ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। जानकारी के मुताबिक अब तक 3376 से अधिक गांवों में बाढ़ ने कहर ढाया है।
प्रशासन ने 600 से अधिक राहत कैंप बनाकर लोगों को वहां सुरक्षित रखने का काम शुरू कर दिया है। अब तक 36 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया जा चुका है। बाढ़ के कारण असम में अब तक 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। लोगों के साथ-साथ भारी संख्या में जानवरों को भी बाढ़ के पानी ने लील लिया है।
पश्चिमी क्षेत्र में अच्छी बारिश बनी रहने का अनुमान
मुंबई-गोवा सहित देश के पश्चिमी हिस्से में पिछले कई दिनों से अच्छी बारिश रिकॉर्ड की जा रही है। आने वाले कुछ दिनों तक यह क्रम बना रह सकता है। गुजरात के कच्छ और बंगाल की खाड़ी में हवा का दबाव बना हुआ है।
अनुमान है कि यह नमी उत्तर भारतीय राज्यों तक भी बढ़ सकती है। अगर हवा का दबाव उत्तर भारत के राज्यों की तरफ बढ़ता है तो इससे भी उत्तर भारत के अनेक इलाकों में वर्षा में तेजी आ सकती है।