जनजीवन ब्यूरो
मीना : सऊदी अरब के पवित्र मक्का शहर के निकट मीना में आज हज के दौरान मची भगदड़ में भारतीय समेत कम से कम 717 लोग मारे गए हैं और 850 से ज्यादा घायल हुए हैं. 25 वर्ष के बाद हज के दौरान इस तरह का हादसा हुआ है.भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मारे गए व्यक्तियो के परिजनों को सांत्वना दी है।
यह हादसा मीना के स्टरीट 204 में उस समय हुआ जब शैतान के रुप में बने तीन खंभों पर कंकड़ मारने की रस्म के लिए एकत्र हुए हज यात्रियों की भारी भीड़ अचानक वहां पहुंच गई. इस साल करीब डेढ़ लाख भारतीयों समेत बीस लाख से ज्यादा हजयात्री हज के लिए यहां आए हैं.
जेद्दाह स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि हादसे में असम से आए दो हजयात्री घायल हुए हैं. नागरिक प्रशासन अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न देशों से आए 453 हजयात्री इस हादसे में मारे गए हैं. यह भगदड़ कुछ ही दिन पहले हुए उस हादसे के बाद हुई है जिसमें मक्का की बड़ी मस्जिद में एक विशाल क्रेन गिरने से 11 भारतीयों समेत 115 लोगों की मौत हो गई थी. मीना में हुई इस भगदड़ के बाद से राहत कार्य चलाया जा रहा है.
चश्मदीद लोगों ने बताया कि हादसा मीना के स्टरीट 204 के निकट स्थित जमारत ब्रिज के प्रवेशद्वार पर हुआ ,उस स्थान पर नहीं जहां शैतान को कंकड मारे जाने की रस्म अदा की जाती है. हादसे की जगह पर दो चिकित्सा दल भेजे गए हैं.
आंध्र प्रदेश के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आबिद रसूल खान ने बताया ,‘‘मेरे शिविर में करीब 400 हजयात्री थे. वे सभी सुरक्षित हैं. लेकिन मैं कुछ लोगों को फोन कर अन्य लोगों की खैरियत के बारे में दरयाफ्त कर रहा हूं.’ नागरिक प्रशासन अधिकारियों ने बताया कि हादसे की जगह पर मौजूद उनके दल हजयात्रियों को भगदड़ की जगह से अलग दूसरे रास्तों से आगे भेज रहे हैं. उन्होंने बताया कि राहत और बचाव अभियान में 4000 लोग जुटे हैं और उनके साथ 220 एंबुलेंस भी हैं.
हादसे की जगह से मिले टीवी फुटेज में पूरी जगह पर घायल ही घायल दिखाई पड़ रहे हैं. महिलाएं और वृद्ध चीख पुकार मचा रहे हैं. आज हुई भगदड़ में कम से कम 730 हजयात्री घायल हुए हैं. मीना में पहले भी इस तरह की भगदड़ मच चुकी है और उसमें सैंकडों लोग मारे जा चुके हैं. मीना में 2006 में हज के दौरान शैतान को कंकड मारने की रस्म के समय मची ऐसी ही एक भगदड़ में मारे गए 364 लोगों में कम से कम 51 भारतीय भी थे.
हजयात्रा इस्लाम के पांच स्तंभों में एक महत्वपूर्ण स्तंभ है जिसे हर उस मुसलमान के लिए जीवन में कम से कम एक बार करना जरुरी है ,जो आर्थिक और शारीरिक रुप से सक्षम है.
* हेल्पलाइन नंबर जारी
इस घटना को लेकर भारतीय हज यात्रियों के लिए विदेश मंत्रालय ने सउदी अरब में भारतीय दूतावास का हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है. यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे चालू रहेगा, जिस पर लोग अपने परिजनों व संबंधियों की जानकारी ले सकते हैं. यह हेल्पलाइन नंबर है 00966125458000/00966125496000 जारी कर दिया है.
लाखो हजयात्री इबादत के लिए पहाड़ी पर और इसके आसपास के व्यापक मैदान में जुटे थे. सुबह की नमाज से कई घंटे पहले तीन लाख से ज्यादा हजयात्री अराफात में मस्जिद नामिरा के बाहर एकत्र हुए थे जहां वह मस्जिद में ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ (अल्लाह, मैं तेरी खिदमत में हाजिर हूं) के उद्घोष के बीच इबादत कर सकें. हजयात्री मीना के अराफात में तीन खंभों पर कंकड मार कर शैतान को प्रतीकात्मक तौर पर कंकड मारने की रस्म अदा करते हैं. कंकडियां मारने के बाद हजयात्री कुर्बानी की रस्म अदा करते हैं. पैगंबर इब्राहीम ने खुदा की खिदमत में अपने इकलौते बेटे पैगंबर इस्माईल को कुर्बान करने की उत्सुकता दिखायी थी. जानवरों की कुर्बानी उसी की याद में दी जाती है. जिस रास्ते से शैतान को कंकड़ मारने जाते हैं, उस रास्ते से वापस नहीं आते हैं. लेकिन कुछ लोग उसी रास्ते से वापस लौटने लगे और भगदड़ मच गयी.
ईद-उल-अजहा (बकरीद) के साथ ही इस साल का हज पूरा हो जाएगा. सउदी सरकार ने 20 लाख हजयात्रियों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे. इसके लिए सरकार ने लगभग एक लाख वर्दीधारी लोगों को इन पवित्र स्थलों पर तैनात किया था. सउदी अधिकारियों ने कहा कि इस साल 13,74,206 विदेशी हजयात्री हज के लिए आये हैं. सुप्रीम हज कमेटी के अध्यक्ष एवं सउदी अरब के शहजादा मोहम्मद बिन नायेफ ने 164 देशों से 13.8 लाख हजयात्रियों के सफल आगमन पर सुल्तान सलमान को मुबारकबाद दी है.
पहले भी हुए हैं कई बडे हादसे
दो जुलाई 1990 : पैदल चलने के लिए बनी एक टनल में मची भगदड में 1426 लोगों की मौत हुई थी.
23 मई 1994 : शैतान को पत्थर मारे के दौरान हुई भगदड में 270 लोगों की मौत हुई थी.
नौ अप्रैल 1998 : इस दिन जयारात ब्रिज पर भगदड मच गयी थी, जिसमें 118 लोगों की मौत हो गयी थी व 180 लोग घायल हो गये थे.
पांच मार्च 2001 : शैतान को पत्थर मारने के दौरान 35 लोगों की मौत हुई थी.
11 फरवरी 2003 : शैतान को पत्थर मारने के दौरान मची भगदड में इस दिन 14 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी थी.
एक फरवरी 2004 : शैतान को पत्थर मारने के दौरान मची भगदड में 251 हजयात्रियों की मौत हो गयी थी, जबकि 244 लोग घायल हो गये थे.
12 जनवरी 2006 : इस दिन भी भगदड मची थी, जिसमें 340 लोगों की मौत हो गयी थी व 290 लोग घायल हो गये थे.
13 सितंबर 2015 : हज की तैयारी के दौरान क्रेन के गिरने से 107 लोगों की मौत हो गयी थी.