जनजीवन ब्यूरो / जयपुर । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट करने पर कहा, काफी दिनों से विधायक वहां रह रहे थे, मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे थे। उनपर बाहरी दबाव का कम करने के लिए यहां शिफ्ट किया गया।
जयपुर से जैसलमेर के लिए रवाना हुए गहलोत गुट के विधायक जैसलमेर पहुंच गए हैं। विधायक जैसलमेर के सूर्यगढ़ पहुंचे हैं। गहलोत गुट के कांग्रेस विधायक जयपुर के होटल से निकल कर अब जैसलमेर के सूर्यागढ़ पहुंच गए हैं। इससे पहले जयपुर के फेयरमोंट होटल से बस के जरिए सभी विधायकों को एयरपोर्ट लाया गया, जहां से अब वो जैसलमेर पहुंचे हैं।
महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
राजस्थान के बर्खास्त उपुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के मामले में उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राजस्थान कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने इन विधायकों के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधान सभा अध्यक्ष सी पी जोशी द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के दो दिन बाद याचिका दायर की है। अधिवक्ता वरूण चोपड़ा के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है कि संविधान की शीर्ष अदालत के किहोता होलोहान प्रकरण में 1992 में दी गयी व्यवस्था के आलोक में उच्च न्यायालय की यह कार्यवाही असंवैधानिक और गैर कानूनी थी।
गहलोत ने खरीद-फरोख्त का लगाया आरोप
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि 14 अगस्त से विधानसभा सत्र की शुरुआत होने की घोषणा के बाद से विधायकों की खरीद-फरोख्त के रेट (दाम) बढ़ गए हैं। इसी वजह से उन्होंने सभी विधायकों को राजधानी जयपुर से 550 किलोमीटर दूर जैसलमेर शिफ्ट करने का फैसला लिया है। उन्होंने पत्रकारों को विधानसभा की व्यापार सलाहकार समिति का जिक्र करते हुए कहा, ‘बहुमत परीक्षण होगा। हम विधानसभा में जाएंगे। बीएसी इसका फैसला लेगी।’ गहलोत ने कहा कि पहले पहली किस्त के रूप में 10 करोड़ रुपये और दूसरी के रूप में 15 करोड़ रुपये दिए जा जा रहे थे। अब ये रेट बढ़ गए हैं।
विधायकों के विलय को लेकर गहलोत ने पूछे सवाल
गहलोत ने कहा, ‘भाजपा ने टीडीपी के चार सांसदों को राज्यसभा के अंदर रातों रात मर्जर (विलय) करवा दिया, वो मर्जर तो सही है और राजस्थान में छह विधायक मर्जर कर गए कांग्रेस में वो मर्जर गलत है, तो फिर भाजपा का चाल-चरित्र-चेहरा कहां गया? राज्यसभा में मर्जर हो वो सही है और यहां मर्जर हो वो गलत है?’