अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । राजस्थान के सियासी हल्के में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य़मंत्री फारूक अब्दुल्ला को उतर गए हैं। अपने दामाद का कैरियर बचाने के लिए फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कई बार बातचीत की है। माना जा रहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और सचिन पायलट के बीत सुलह हो जाएगी, लेकिन उन्हें किसी भी तरह का पद नहीं मिलेगा।
दरअसल सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट बेहद खुबसूरत और ग्लैमरस महिला हैं। वैसे तो राजनीति के गलियारों में सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट की चर्चा कम ही होती है, लेकिन सारा पायलट का राजनीति के साथ जन्म से बड़ा गहरा नाता है। सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की बेटी और उमर अब्दुल्ला की बहन हैं। बताया जाता हैं कि सारा पायलट और सचिन पायलट के बीच बेहद गजब की केमिस्ट्री है। लोग कहते हैं कि हर ‘कामयाब आदमी’ के पीछे एक ‘महिला का हाथ’ होता हैं, ये बात शायद सचिन पायलट पर बिलकुल सटीक बैठती है। क्योंकि सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट के सपोर्ट के बिना सचिन का राजनीति की दुनिया में इतना बड़ा मुकाम पाना बेहद मुश्किल होता।
सचिन पायलट को कांग्रेस में वापसी के लिए इसलिए हाथपैर जोड़ने पड़ रहे हैं क्योंकि अशोक गेहलोत को भाजपा की कद्दावर नेता व पूर्व मुख्य मंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का अप्रत्यक्ष समर्थ है। पायलट को उम्मीद थी कि उनके साथ 30 विधायक आ जाएंगे, लेकिन उन्हें सिर्फ 18 विधायकों का ही समर्थन मिला। भाजपा में वसुंधरा राजे की चुप्पी से भी पायलट को संदेश गया कि वे गहलोत सरकार गिराने के पक्ष में नहीं हैं। 32 दिनों के घटनाक्रम के बाद कोई हल न निकलता देख पायलट खेमे के कुछ विधायक भी सुलह का दबाव बना रहे थे।
स्थिति की गंभीरता को मापते हुए नाम न छापने की शर्त पर, सचिन पायलट का समर्थन करने वाले नेताओं ने बताया है कि वे कांग्रेसी नेतृत्व के संपर्क में हैं और पार्टी ने आश्वासन दिया है कि राजस्थान की राजनीतिक स्थिति से संबंधित मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।राजस्थान कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों ने पार्टी से संपर्क किया है। उनमें से कुछ वरिष्ठ नेतृत्व से भी मिले हैं और पार्टी द्वारा उन्हें बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा गया है, जिसके बाद वे शीर्ष नेतृत्व से मिलने और शिकायतों को व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं।
राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच 14 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र से पूर्व सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास पर उनसे मुलाकात की। इस दौरान उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी और विधायक संयम लोढ़ा भी मौजूद थे। 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने का प्रयास करेंगे।
बताया जाता है कि सभी मोर्चे पर असफल होने के बाद सचिन पायलट ने अपने ससुर फारूक अब्दुल्ला से विचार विमर्श किया और किसी तरह इस मामले को सलटाने की विनती की। सूत्रों की माने तो अब्दुल्ला ने पायलट को काफी नसीहत भी दी और सोनिया गांधी से बातचीत करने का आश्वासन दिया।