जनजीवन ब्यूरो / पटना : बिहार में सियासी उठापटक की संभावना बन रही है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने शुक्रवार को बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के संकेत दिए। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने देर रात पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव से मुलाकात की और दोनों ने चार घंटे तक बातचीत की। साथ ही चिराग पासवान ने आज एक आपात बैठक भी बुलाई है।
चिराग पासवान के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ तल्ख तेवर बरकार है। बताया गया है कि लोजपा ने एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का निर्णय वरिष्ठ जदयू नेता ललन सिंह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाने के बाद लिया है।
चिराग और पप्पू के बीच हुई चार घंटे तक बातचीत
सूत्रों ने बताया है कि शुक्रवार देर रात चिराग पासवान और पप्पू यादव के बीच मुलाकात हुई है और दोनों ही नेताओं ने करीब चार घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की है। हालांकि, दोनों के बीच किस बात को लेकर चर्चा हुई, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन माना जा रहा है कि पासवान और पप्पू के बीच बिहार में थर्ड फ्रंट बनाने को लेकर चर्चा हुई है।
हालांकि, अगर दोनों ही नेता थर्ड फ्रंट को लेकर सहमत होते हैं, तो बिहार में सपा, बसपा समेत कई छोटे दलों को लेकर गठबंधन होने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसा होता है, तो बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
चिराग पासवान की आपात बैठक
वहीं, शुक्रवार शाम लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान राजधानी पटना पहुंचे। वहीं, आज उन्होंने बैठक की है, जिसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। लोजपा अध्यक्ष के नेतृत्व में हो रही इस बैठक में उनकी पार्टी के पांच अन्य सांसद और दो विधायक शामिल हुए हैं।
बैठक को लेकर चर्चा है कि इसमें चिराग बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर कुछ बड़े निर्णय ले सकते हैं। गौरतलब है कि वह कई बार अकेले चुनाव लड़ने की बात भी कह चुके हैं। वहीं, पटना हवाई अड्डे पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ललन सिंह हमारे अभिभावक की तरह हैं। हम उनके बारे में कुछ नहीं बोलेंगे।
चिराग ने कहा, मैं पत्र के माध्यम से जो भी मांग करता हूं, उसे आलोचना के रूप में देखना राज्य सरकार की बड़ी भूल है। फिर भी अगर कोई सुझाव को आलोचना मानता है और उसपर कार्रवाई नहीं करता है, तो मैं इसमें क्या कर सकता हूं।