जनजीवन ब्यूरो / पटना । नीतीश कैबिनेट में उद्योग मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक को पार्टी ने निकाल दिया है। नेतृत्व को जैसे ही जानकारी लगी कि वे पार्टी छोड़ने वाले हैं, इसके बाद यह कार्रवाई की गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की सहमति के बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने यह आदेश जारी किया है।
उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को रजक अपने पुराने घर में वापस होंगे। वह दस सर्कुलर रोड पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सामने राजद की सदस्यता लेंगे।
रजक पहले राजद में ही थे। उस समय उनकी गिनती लालू प्रसाद के सबसे करीबी नेताओं में होती थी। रामकृपाल यादव भी तब राजद में थे और लालू प्रसाद के काफी करीब थे। लिहाजा राजद में राम-श्याम की जोड़ी की चर्चा हर जगह होती थी, लेकिन श्याम रजक अचानक जदयू में चले गए। अब फिर बताया जा रहा है कि जदयू में रजक सहज नहीं महसूस कर रहे हैं। लिहाजा उनके राजद में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं।
रजक एनडीए सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। पहली बार राजद से 1995 में विधायक बने थे। अब तक वह छह बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। जबसे संसदीय राजनीति में उन्होंने कदम रखा है बहुत कम दिन मंत्री पद से अलग रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि श्याम रजक की पारंपरिक सीट फुलवारीशरीफ से उनका टिकट भी काटने की तैयारी है। इस सीट से अरुण मांझी को टिकट मिलने की चर्चा है। इन सब बातों से श्याम रजक उपेक्षित महसूस कर रहे थे।
श्याम रजक लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी में थे और राबड़ी देवी के मंत्रिमंडल में मंत्री थे, लेकिन 2009 में आरजेडी के फुलवारी शरीफ से विधायक पद से इस्तीफा देकर श्याम रजक जेडीयू में शामिल हो गए थे। हालांकि उप चुनाव हार गए थे, लेकिन 2010 में विधायक बने और इन्हें मंत्री पद मिला था। वहीं 2015 में महागठबंधन से विधायक बने थे, लेकिन इस बार मंत्री नहीं बनाया गया। हालंकि बीजेपी के साथ बने गठबंधन में नीतीश कुमार ने उन्हें फिर से मंत्री बनाया था। बिहार में इसी साल अक्टूबर में विधानसभा हो सकते हैं।