अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। कांग्रेस में लगातार उठ रहे स्थाई अध्यक्ष की मांग और लगभग दो दर्जन नेताओं के पत्र से उठे विवाद के बीच कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में हलचल मचा दी है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी फिर से पार्टी की कमान संभालने वाले हैं। पार्टी के एक कद्दावर नेता और राहुल गांधी के खासमखास की माने तो राहुल गांधी जनवरी माह में पूरे हिंदू रीति रिवाज का पालन करते हुए दोबारा पार्टी की कमान संभालेंगे। इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम भी सामने आ जाएंगे। इसके पीछे यह भी तर्क दिया जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के विरोध का स्वर राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष दुबारा बनने के और करीब ला दिया है।
बताया जाता है कि राहुल गांधी को ज्योतिषों ने सलाह दी है कि फिलहाल कोरोना संकट चल रहा है। इस साल के अंत तक कोरोना का भय लोगों में समाप्त हो जाएगा। 15 जनवरी तक खरमास है। खरमास में कोई भी समाप्त हो जाएगा। खरमास के बाद शुभ मुहूर्त शुरु हो जाएगा। पार्टी सूत्रों की माने तो शुभ मुहूर्त तयकर अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी विराजमान हो जाएंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राहुल के सिपहसलारों ने मशविरा दिया है कि देश नाजुक दौर से गुजर रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार लोगों का विश्वास धीरे धीरे खो रही है। लोगों के बीच मोदी पहले जितना लोकप्रिय थे उसमें भारी कमी आई है। पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व की जरूरत है और पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से वापसी की जोरदार मांग उठ रही है। उम्मीद है कि वह उनकी बात सुनेंगे।“
अगले कुछ महीनों में कांग्रेस का अधिवेशन होने वाला है जिसमें पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की जाएगी। ऊपर से कांग्रेस में जी -23 ’विद्रोह’ ने राहुल गांधी की पार्टी प्रमुख के रूप में वापसी को तेज कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे असंतुष्ट नेताओं के पत्र को लेकर हुई पार्टी कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में लगभग हर सदस्य ने राहुल गांधी से अध्यक्ष बनने का आग्रह किया है। सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से जो बयान जारी किया है, उसमें भी सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी के नेतृत्व की तारीफ की गई है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के करीबी एक नेता ने ’गैर-गांधी’ अध्यक्ष की बात को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी का मूड अब इस तरह के कथानक को प्रोत्साहित करने का नहीं था। कांग्रेस ने पहले ही संगठन के कामकाज में पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी की सहायता के लिए चार सदस्यीय पैनल नियुक्त करने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव को लागू करने की प्रक्रिया को गति दे दी है।
सूत्रों का कहना है कि एआईसीसी का एक सत्र जल्द ही राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुनने के लिए होगा। पार्टी संगठन में बदलाव करने की मांग लगातार हो रही है। जिसके परिणामस्वरूप देश भर में राहुल को भारी समर्थन मिला है। सीडब्ल्यूसी की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, ए के एंटनी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, अहमद पटेल जैसे नेताओं ने भी राहुल को कांग्रेस प्रमुख का पद संभालने के लिए कहा।
राहुल ने लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए पिछले साल जुलाई में कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था। उनसे उम्मीद की जा रही थी कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद शीर्ष पद पर लौट आएंगे, लेकिन जी -23 पत्र बम ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन स्थल को लेकर पार्टी अंतिम फैसला लेने वाली है जो कि कांग्रेस शासित पंजाब, दिल्ली या राजस्थान में जनवरी में होने वाली है। जिसमें उनके नाम पर मुहर लग जाएगी। इस बीच, पार्टी संगठन में उनकी नई टीम भी तैयार हो जाएगी। ताकि, अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद वह अपने मुताबिक निर्णय कर सके।