जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली् : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) का निधन हो गया है. वह लंबे समय से सेना के अस्पीताल में भर्ती थे. उनकी कुछ दिन पहले ब्रेन सर्जरी हुई थी. उसके बाद से ही वह कोमा में थे. उनके निधन की सूचना देते हुए पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि भारी मन से सूचित करना पड़ रहा है कि डॉक्टनरों के अथक प्रयास और लोगों की दुआओं के बावजूद मेरे पिता प्रणब मुखर्जी हमारे बीच नहीं रहे. प्रणब मुखर्जी पांच दशक से अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय रहे. मुखर्जी इंदिरा गांधी के करीबी माने जाते थे.
इससे पहले सोमवार सुबह अस्पमताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर कहा था कि प्रणब मुखर्जी की सोमवार को तबीयत और बिगड़ गई. आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल ने कहा कि फेफड़ों के संक्रमण के कारण वह सेप्टिक शॉक की स्थिति में चले गए थे. मुखर्जी पिछले 21 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. ब्रेन सर्जरी के बाद से ही उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी.
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा, “कल से प्रणब मुखर्जी की चिकित्सा स्थिति में गिरावट आई थी.” डॉक्टरों ने आगे बताया कि वह फेफड़ों में संक्रमण के कारण सेप्टिक शॉक में थे.
मुखर्जी की स्वास्थ्य की स्थिति में पिछले हफ्ते थोड़ा सुधार हुआ था लेकिन फेफड़े में संक्रमण होने के बाद उनकी स्थिति फिर बिगड़ गई. मुखर्जी को जब 10 अगस्त को एक इमरजेंसी सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उनका कोविड-19 परीक्षण भी पॉजिटिव आया था. तब से उसकी स्वास्थ्य स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.
राजनीतिक सफर
पहली बार राज्यसभा सांसद 1969
पहली बार केंद्रीय मंत्री 1973
पहली बार कैबिनेट मंत्री 1984
पहली बार लोकसभा सांसद 2004
प्रणब दा को सम्मान
भारत रत्न 2019
पद्म विभूषण 2008
सर्वश्रेष्ठ सांसद 1997
सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री 1984
राजनीति के ‘दादा’
1969 पहली बार राज्यसभा सदस्य
1973 इंदिरा गांधी सरकार में उप मंत्री
1975 दूसरी बार राज्यसभा सांसद
1981 तीसरी बार राज्यसभा सांसद
1984 इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री
1984 सर्वे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री
1991 योजना आयोग के उपाध्यक्ष
1993 चौथी बार राज्यसभा सांसद
1995 नरसिम्हा राव सरकार में विदेश मंत्री
1999 पांचवी बार राज्यसभा सांसद
2004 पहली बार लोकसभा सांसद
2004 यूपीए-1 सरकार में रक्षा मंत्री
2006 यूपीए-1 सरकार में विदेश मंत्री
2009 यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री
2012 भारत के 13वें राष्ट्रपति बने
2017 राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म
84 वर्षीय मुखर्जी लगातार गहरे कोमा में थे और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. सेप्टिक शॉक की स्थिति में रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं. उन्हें 10 अगस्त को दिल्ली कैंट स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी.
मुखर्जी के मस्तिष्क में खून के थक्के जमने के बाद उनका ऑपरेशन किया गया था. अस्पताल में भर्ती कराए जाने के समय वह कोविड-19 से भी संक्रमित पाए गए थे. इसके बाद उन्हें श्वास संबंधी संक्रमण हो गया था. मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में वर्ष 2012 से 2017 तक पद पर रहे। पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी के परिवार में दो बेटे और एक बेटी हैं.
पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- पूरा देश कष्ट में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखर्जी ने निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आज पूरा देश दुखी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश शोक में है. उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है. वह राजनीतिक स्पेक्ट्रम के पार और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसित थे.’
बतौर राष्ट्रपति उन्होंने यूपीए को सत्ता से बेदखल होते और भाजपा को पूर्ण बहुमत की सरकार बनाते हुए देखा। कई मौकों पर वे मोदी सरकार की तारीफ करने से भी पीछे नहीं हटे। प्रधानमंत्री मोदी भी चाहते थे कि वह बतौर राष्ट्रपति दूसरा कार्यकाल भी स्वीकार करें। लेकिन उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया था।