जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत ने गुरुवार को कहा कि चीन ने कुछ आक्रामक कदम उठाए हैं, लेकिन हम ये सारी स्थितियां संभालने के लिए सक्षम हैं। हमारी तीनों सेनाएं सीमाएं पर खतरों से निपटने के काबिल हैं।
इससे पहले जनरल रावत ने चीन के साथ टकराव के बीच कहा था कि अगर चीन से विवाद बातचीत से नहीं सुलझा तो सैन्य विकल्प भी खुला है। हालांकि, शांति से समाधान तलाशने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा था कि आर्मी से लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के आस-पास अतिक्रमण रोकने और इस तरह की कोशिशों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। सरकार बातचीत से विवाद निपटाना चाहती है, लेकिन अगर एलएसी पर हालात सामान्य रखने की कोशिशें किसी वजह से कामयाब नहीं हो पाएं, तो फिर सेना हर वक्त तैयार रहती है।
सीडीएस रावत ने कहा, ‘भारतीय सशस्त्र बलों को वर्तमान के हालातों से निपटना होगा और आने वाले समय की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि भारत को उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई का खतरा है। हमें इस पर अपनी रक्षा योजना में विचार करना होगा।
चीन और पाकिस्तान का ‘मेलजोल‘ हमारे लिए संकेत
उन्होंने कहा कि हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर उभरते खतरों से निपटने के लिए वैचारिक रणनीति बनाई है। सीडीएस रावत ने कहा कि चीन की ओर से पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को दी जा रही आर्थिक सहायता और पाक को लगातार उपलब्ध कराया जा रहा सैन्य व राजनयिक सहयोग यह मांग करता है कि हम उच्च स्तर की तैयारियां करें।
विभिन्न मोर्चों पर तैनात भारत की तीनों सेनाओं के सैनिक अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए हैं। सीडीएस रावत ने कहा, ‘अग्रिम पंक्ति में तैनात कर्मचारी, हमारे एयरक्राफ्ट उड़ा रहे कर्मचारी, समुद्र में हमारे जहाजों पर तैनात कर्मचारी, कोई भी अभी तक कोविड-19 से संक्रमित नहीं है।’
हम शांति चाहते हैं लेकिन खतरों से निपटने में सक्षम हैं
जनरल रावत ने कहा, ‘हम अपनी सीमाओं के पार शांति चाहते हैं। बीते कुछ समय से हम चीन की ओर से की जा रहीं कुछ आक्रामक कार्रवाइयां देख रहे हैं, लेकिन हम इन से निपटने में सक्षम हैं।’ उन्होंने कहा कि हमारी तीनों सेनाएं हमारी सीमाओं पर उत्पन्न होने वाले सभी खतरों से निपटने में सक्षम हैं।
पाक ने दुस्साहस किया तो उसे भारी नुकसान होगा
उन्होंने कहा, पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में समस्याएं पैदा करने के लिए प्रॉक्सी वार (छद्म युद्ध) शुरू कर रहा है। वह उत्तरी सीमाओं पर विकसित होने वाले किसी भी खतरे का फायदा उठाकर हमारे लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। लेकिन यदि वह भारत के खिलाफ कोई भी दुस्साहस करता है तो उसे भारी नुकसान होगा। हमने इसके लिए पूरी तरह सावधान हैं।