जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना के बीच छिड़ी जंग लगातार तेज होती जा रही है। कंगना रनौत की ओर से मुंबई की तुलना पीओके से किए जाने के बाद दोनों ओर से तीखी बयानबाजी का दौर चल पड़ा है। कंगना रनौत ने अब खुद को डंके की चोट पर मराठा बताते हुए कहा है महाराष्ट्र किसी के बाप का नहीं है, उखाड़ो-मेरा क्या उखाड़ोगे। इससे पहले एक ट्वीट में कंगना ने कहा कि वह 9 सितंबर को मुंबई आ रही हैं और किसी के बाप में हिम्मत है तो रोक ले।
कंगना ने खुद को मराठा बताते हुए ट्वीट किया, ”किसी के बाप का नहीं है महाराष्ट्र, महाराष्ट्र उसी का है जिसने मराठी गौरव को प्रतिष्ठित किया है। और मैं डंके की चोट पर कहती हूं, हां मैं मराठा हूं, उखाड़ो मेरा क्या उखाड़ोगे?”
एक अन्य ट्वीट में कंगना ने लिखा, ”एक महान पिता की संतान होना ही आपकी एक मात्र उपलब्धि नहीं हो सकती, आप कौन होते हैं मुझे महाराष्ट्र प्रेम या नफरत का सर्टिफिकेट देने वाले? आपने यह कैसे निर्धारित कर लिया की आप महाराष्ट्र को मुझसे ज़्यादा प्रेम करते हैं? और अब मुझे वहां आने का कोई हक नहीं?”
इससे पहले एक ट्वीट में कंगना ने लिखा, ”इनकी औकात नहीं है, इंडस्ट्री के सौ सालों में एक भी फिल्म मराठा प्राइड पर बनाई हो, मैंने इस्लाम डॉमिनेटेड इंडस्ट्री में अपनी जान और करियर को दांव पर लगाया, शिवाजी महाराज और रानी लक्ष्मीबाई पर फिल्म बनाई, आज महाराष्ट्र के इन ठेकेदारों से पूछो किया क्या है महाराष्ट्र के लिए?”
राउत ने क्या कहा था?
कंगना को खुद को मराठा बताने की जरूत इसलिए पड़ी क्योंकि कुछ देर पहले ही शिवसेना नेता संजय राउत ने इस विवाद को मराठा मानुष से जोड़ते हुए ट्वीट किया, ”मुंबई मराठा लोगों के बाप का है। जो लोग इसे नहीं मानते हैं वे वह अपना बाप दिखाएं। शिवसेना महाराष्ट्र के दुश्मनों का श्राद्ध किए बगैर नहीं रहेगी, प्रॉमिस जय हिंद जय महाराष्ट्र।’
इससे पहले राउत ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि अगर वे लोग, जिनका शहर से कोई लेना-देना नहीं है, इसे और इसकी पुलिस को बदनाम करते हैं, तो राज्य सरकार और पुलिस बल के प्रभारी गृह मंत्री को कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा पुलिस का मनोबल टूटेगा। उन्होंने दावा किया कि मुंबई पुलिस की छवि खराब करने के पीछे एक साजिश है।
राउत ने कहा, ”मैं नाम नहीं लूंगा। लेकिन मैं खोखली धमकियां नहीं देता। मुझे कार्रवाई में विश्वास है क्योंकि मैं शिव सैनिक हूं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग और गृह विभाग को ऐसे मानसिक मामलों से निपटना चाहिए जो बढ़ रहे हैं। कानून के अनुसार कार्रवाई करें।” उन्होंने कहा, “यह झांसी की असली रानी का अपमान है जो महाराष्ट्र की बहादुर बेटी थीं।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद को निचले स्तर पर ले जाया गया है।” राउत ने कंगना को मेंटल भी बताया और पीओके चले जाने की बात भी कही।
‘मुंबई में रहने का अधिकार नहीं‘
इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि जिन्हें महाराष्ट्र या मुंबई में असुरक्षित महसूस होता है, उन्हें यह राज्य छोड़ देना चाहिए। राकांपा नेता देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस राज्य में उचित कानून- व्यवस्था सुनिश्चित करने में सक्षम है और जिन्हें मुंबई या महाराष्ट्र में असुरक्षित महसूस होता है, उन्हें यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है।
क्या है पूरा विवाद
कंगना ने हाल ही में एक ट्वीट में सवाल किया था, “मुंबई, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की तरह क्यों लग रहा है?” उन्होंने 1 सितंबर की न्यूज रिपोर्ट को भी टैग किया था जिसमें संजय राउत ने कथित तौर पर कहा था कि अगर वह नगर की पुलिस से डरती हैं तो उन्हें वापस मुंबई नहीं आना चाहिए।” कंगना ने कहा था कि उन्हें ”बॉलीवुड में ड्रग माफिया” का पर्दाफाश करने के लिए हरियाणा या हिमाचल प्रदेश पुलिस की सुरक्षा चाहिए और वह मुंबई पुलिस की सुरक्षा स्वीकार नहीं करेंगी।