जनजीवन ब्यूरो / पटना । बिहार विधानसभा चुनाव में दलित वोट को लेकर राजनीति तेज हो गई है। हम पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी के एनडीए में शामिल होने के बाद से लोजपा बौखला गई है। यही कारण है कि जनता दल यूनाइटेड/जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी/एलजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। एलजेपी नेता चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार के दलित की हत्या पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा पर चिट्ठी भेजकर सवाल उठाया तो जेडीयू भड़क गई। जेडीयू ने चिराग पासवान को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारा गठबंधन बीजेपी के साथ है, एलजेपी के साथ नहीं।
चिराग पासवान की नीतीश सरकार को भेजी गई चिट्ठी को लेकर पूछे गए सवाल पर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि चिराग पासवान को भद्दे बयानों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिराग अगर खुद को एनडीए का हिस्सा मानते हैं तो वह नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी न करें। बीजपी के साथ हमारा गठबंधन है, एलजेपी के साथ नहीं। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जीतनराम मांझी पहले भी एनडीए का हिस्सा थे, तो अब चिराग को आपत्ति क्यों है।
चिराग ने लगाया था वादा पूरा न करने का आरोप
बिहार के मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में चिराग पासवान ने रविवार को नीतीश कुमार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों से पूर्व में किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। चिराग पासवान ने कहा कि एससी, एसटी समाज का कहना कि इसके पूर्व तीन डिसमिल जमीन देने का वादा भी सरकार ने पूरा नहीं किया था, जिससे अनुसूचित जाति और जनजाति समाज को निराशा हुई थी। हत्या एक अपराध है और अपराधियों में डर न्याय प्रक्रिया का होना चाहिए ताकि हत्या जैसे जघन्य अपराध से बचें।
किसी वर्ग के किसी भी व्यक्ति की हत्या न हो, इस ओर कदम उठाने की जरूरत: चिराग
चिराग पासवान ने नीतीश से कहा है कि अनुसूचित जाति-जनजाति ही नहीं, बल्कि किसी वर्ग के किसी भी व्यक्ति की हत्या न हो, इस दिशा में भी कठोर कदम उठाने की जरूरत है। पिछले 15 सालों में जितने भी एससी-एसटी समुदाय के लोगों की हत्या के मामले न्यायालय में लंबित हैं, उन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंपा जाए। इन दोनो मांगों के साथ लोक जनशक्ति पार्टी सहमत है। एलजेपी की यह मांग मांगने से सरकार पर सम्पूर्ण बिहारी का विश्वास बढ़ेगा, अन्यथा जनता इसको मात्र चुनावी घोषणा मानेगी।