जनजीवन ब्यूरो / पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के अध्यक्ष की पार्टी अपने बलबूते चुनाव में उतरती है तो उनका ‘प्रभावी चेहरा’ उन्हें दहाई अंक में भी सीट नहीं दिला सकता. पिछली महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके तेजस्वी यादव ने कहा कि 1995 के विधानसभा चुनाव में उनकी समता पार्टी को महज सात सीटें मिली थीं और 2014 में जब जदयू, भाकपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो वह महज दो सीट हासिल कर पाए.
तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘‘ यदि वह अपने पूरे जीवन में अपने बलबूते (चुनाव) लड़ते तो उनका (नीतीश कुमार का) प्रतापी चेहरा उन्हें दहाई अंक में भी सीटें नहीं जीता सकता. यह मेरा दावा और चुनौती है.” नीतीश कुमार ने सोमवार को जदयू की डिजिटल रैली में लालू प्रसाद और उनके परिवार पर करार प्रहार किया था और 15 साल के ‘पति-पत्नी राज (लालू-राबड़ी शासन) एवं अपने शासन के बीच विकास की गति को लेकर तुलनात्मक आंकड़े पेश किये थे.
नीतीश कुमार नवंबर, 2005 में राजद शासन के खात्मे के बाद से मुख्यमंत्री हैं और वह अक्टूबर-नवंबर में होने वाले चुनाव में चौथे कार्यकाल की कोशिश करेंगे. तेजस्वी यादव पर प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने जीवन में बिना कोई काम किये बहुत पैसा बना लिया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे (तेजस्वी से) पूछा कि वह लोगों के सामने बताएं कि पैसा कहां से आया, लेकिन वह ऐसा करने की स्थिति में नहीं थे. इसलिए मैंने उससे (राजद से) अलग होने का निर्णय लिया.”
लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्य कथित ‘जमीन के बदले में होटल’ घोटाले में आरोपी हैं जिसकी जांच सीबीआई के हाथों में है. लालू और उनके परिवार के सदस्यों को आईआरसीटीसी के दो होटलों को चलाने के ठेके के एवज में बिहार की राजधानी पटना में बेशकीमत जमीन कथित रूप से मिली थी जब राजद अध्यक्ष रेल मंत्री थे. आईआरसीटीसी भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी है.
वरिष्ठ जदयू नेता और सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने तेजस्वी पर पलटवार किया और सवाल किया कि 2010 के चुनाव में जब राजद 22 पर सिमट गया तब किसके नाम पर वोट मांगा गया था. उस साल विधानसभा चुनाव में कुमार के जदयू-भाजपा गठबंधन ने 243 सदस्यीय सदन में जबर्दस्त जीत दर्ज की थी.