अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार रात को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए G-23 नेता गुलाम नबी आजाद समेत चार वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया और पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का भी पुनर्गठन किया। साथ ही मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी महासचिव पद से मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही कई राज्यों में प्रभारी भी बदले गए हैं। सूत्रों के अनुसार, फेरबदल की इस नई कवायद में राहुल गांधी की टीम के नेताओं को खास जगह दी गई है।
उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी को संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है। पार्टी ने पत्र विवाद की पृष्भूमि में 24 अगस्त को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक छह सदस्यीय एक विशेष समिति का गठन किया है।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी पत्र के अनुसार सुरजेवाला को कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया है। उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है। मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है।
पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का कद और बढ़ा दिया गया है अब वह कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय छह सदस्यीय विशेष समिति का हिस्सा हैं। यह समिति पार्टी के संगठन एवं कामकाज से जुड़े मामलों में सोनिया गांधी का सहयोग करेगी। इस विशेष समिति में एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं। सुरजेवाला और तारिक अनवर को पार्टी के नए महासचिव नियुक्त किया गया है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की कांग्रेस वर्किंग कमेटी में दो साल बाद वापसी हुई है। वहीं, हाल ही में राजस्थान में पार्टी से बगावत कर चुके सचिन पायलट को अभी कूलिंग ऑफ पीरियड में रखा गया है। उन्हें पार्टी में क्या जिम्मेदारी दी जाए, इसका फैसला बाद में होगा।
गुलाम नबी आजाद को सबसे बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वे राज्यसभा में अभी विपक्ष के नेता भी हैं। पिछली बार सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में राहुल गांधी के एक कथित बयान का विरोध करने वालों में गुलाम नबी सबसे आगे थे। माना जा रहा है कि उन्हें अब राज्यसभा का दोबारा टिकट मिल पाना भी मुश्किल है।
सोनिया ने पार्टी नेतृत्व में बदलाव के लिए एक कमेटी बनाने का सुझाव दिया था। इसके लिए 6 नेताओं की कमेटी बनाई गई है। इसे संचालन समिति कहा जा रहा है। माना जा रहा है कि यही कमेटी अब राहुल गांधी की ताजपोशी और पार्टी संगठन में नए बदलावों का रास्ता साफ करेगी।
इस कमेटी में सोनिया गांधी के सबसे भरोसेमंद अहमद पटेल और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक को शामिल किया गया है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को सबसे बड़ा प्रमोशन मिला है। वे महासचिव बनाए गए हैं और इस कमेटी में शामिल िकए गए हैं। उम्र की वजह से महासचिव पद से हटाई गईं अंबिका सोनी को भी इस कमेटी में जगह मिली है।
गौरतलब है कि कार्यसमिति की बैठक के फौरन बाद गुलाम नबी आजाद ने एक टीवी न्यूज एजेंसी को लंबा इंटरव्यू देकर अपने तेवर दिखाए और उसके बाद आनंद शर्मा ने भी सरकार और भाजपा के करीब माने जाने वाले एक प्रमुख हिंदी दैनिक को इंटरव्यू देकर यहां तक कह दिया कि अगर पार्टी में सुधार की बात करना बगावत है तो ठीक है हमें मंजूर है।
कार्यसमिति की बैठक में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री वी.नारायण सामी ने पत्र लिखने वालों की आलोचना की। दिनभर चली कार्यसमिति की बैठक के बाद रात में गुलाम नबी आजाद के यहां पत्र लिखने वाले कुछ नेताओं की बैठक हुई, जिसमें कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा आदि शामिल हुए उसमें भी भविष्य को लेकर गहन चर्चा हुई।