जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका फाइल की है। इसके तहत उन्होंने मांग की है कि उन्हें आपराधिक अवमानना केस के खिलाफ अपील करने का अधिकार दिया जाए ताकि केस बड़ी और दूसरी बेंच सुन सके।
शीर्ष अदालत ने अटॉर्नी जनरल से मदद थी मांगी
इससे पहले गुरुवार को शीर्ष अदालत ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण और पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ लंबित 2009 के अवमानना मामले में गुरुवार को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से मदद करने का अनुरोध किया था।
कोर्ट ने तहलका पत्रिका में प्रकाशित साक्षात्कार में उच्चतम न्यायालय के कुछ तत्कालीन पीठासीन और पूर्व न्यायाधीशों पर कथित रूप से लांछन लगाने को लेकर भूषण और तेजपाल को नवंबर 2009 में अवमानना के नोटिस जारी किए थे।
तेजपाल उस वक्त इस पत्रिका के संपादक थे। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के लिए यह मामला आया। भूषण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि इस मामले में कानून के बड़े सवालों पर विचार होना है और ऐसी स्थिति में इसमें अटॉर्नी जनरल की मदद की जरूरत होगी।
रिट (याचिका) क्या है
व्यक्तियों या संस्थानों द्वारा अपने लाभ के लिए दायर की जाती है। यदि मूल अधिकार का उल्लंघन राज्य द्वारा किया जाता है तो राज्य के विरुद्ध न्याय पाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय में जबकि अनुच्छेद 226 के अंतर्गत उच्च न्यायालय में writ petition (रिट याचिका) दाखिल करने का अधिकार दिया गया है।c