आलोक रंजन / पटना : ‘आत्मनिर्भर बिहार अभियान’ के शुभारंभ समारोह में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा चुनाव से पहले ही ब्राह्मणों को नाराज कर दिए. हालांकि भूमिहारों को खुश करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. मोदी ने श्री बाबू के कार्यकाल की प्रशंसा खुले दिल से की जबकि ब्राह्मण जाति के मुख्यमंत्री के कार्यकाल की आलोचना की. माना जा रहा है कि मोदी के इस बयान का असर आगामी चुनाव पर जरुर पड़ेगा.
मोदी ने चुनावी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में लड़ाई कांग्रेस-राजद यानी पति-पत्नी और ‘वो’ (कांग्रेस) के 45 साल बनाम एनडीए के 15 साल के बीच है. बिहार में जो कुछ भी विकास हुआ वह 1961 के पहले श्रीबाबू के 15 वर्षों के कार्यकाल में हुआ. 1961 के बाद के 29 सालों में बिहार में 23 मुख्यमंत्री बने, सत्ता की अनिश्चितता की वजह से विकास कार्य ठप्प रहा. 1990 के बाद लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के राज में तो बिहार के लोग विकास क्या होता है, भूल गये.
बिहार में शिक्षा क्षेत्र के विकास में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्रा के कार्यकाल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. चाहे वो संस्कृत स्कूल कालेज की बात हो या निजी कालेजों का सरकारीकरण का मामला हो. डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के बाद किसी भी सीएम ने निजी कॉलेजों का सरकारीकरण करने की जहमत नहीं उठाई.
चाहे वो भागवत झा आजाद का कार्यकाल हो या केदार पांडेय का या फिर बिंदेश्वरी दुबे का.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भागवत झा आजाद 1952-57 तक गोड्डा के सांसद रहे। अपने कार्यकाल में उन्होंने जिले को सौगात के रूप में एक मात्र गोड्डा कॉलेज दिया। भागलपुर सांसद के रूप में झा ने एनटीपीसी व ललमटिया में राजमहल परियोजना की स्थापना करायी।
मोदी कहते हैं कि एनडीए की सरकार ने अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में जिस बेहतर तरीके से हर सकंट, आपदा व चुनौती को अवसर में बदला और उसका समाधान किया जिसकी वजह से आज बिहार में बिजली, पानी, सड़क, बाढ़, कोरोना प्रवासी मजदूर व विधि-व्यवस्था आदि कोई मुद्दा नहीं है और विपक्ष भी इन पर बोलने से बच रहा है. अगर विपक्ष में हिम्मत है तो इन मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में आएं.
सुशील मोदी ने कहा कि 1990 से 2005 के 15 सालों में (बिहार-झारखंड सहित) कुल 95 हजार 734 सरकारी नौकरियां दी गयी, जबकि एनडीए के 15 वर्षों में 6 लाख से ज्यादा नौकरियां दी गयी हैं. विगत के 55 सालों में मात्र एक भागलपुर मेडिकल कालेज, दो इंजीनियरिंग कालेज और 13 पॉलिटेक्नीक खोले गए थे, जबकि एनडीए के 15 सालों में बेतिया, पावापुरी, मधेपुरा, पटना एम्स और आईजीआईएमएस में 5 मेडिकल कॉलेज शुरू करने के साथ ही 11 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं. इसके साथ ही 39 इंजीनियरिंग काॅलेज व 31 नये पॉलिटेक्नीक (हर जिले में एक) खोले गए हैं.
डिप्टी सीएम ने कहा कि केन्द्र में भी 55 साल से अधिक कांग्रेस की सरकार रही, जबकि करीब 15 साल भाजपा व अन्य गैर कांग्रेसी सरकार रही है. बिहार की जनता इस चुनाव में तय करेगी कि 55 साल की कांग्रेसी सरकार में बिहार को ज्यादा मदद मिली या 12 साल के अटल-मोदी सरकार में बिहार को सर्वाधिक तव्वजो और सहायता मिली है.