जनजीवन ब्यूरो / पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले एनडीए के घटकदल जदयू और लोजपा के बीच शुरू हुई खटास अब और खुलकर सामने आने लगी है। इसी क्रम में बुधवार को दोनों दल के नेताओं ने एक-दूसरे की पार्टी को विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने की चुनौती दे डाली। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान 143 सीटों पर चुनाव लड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ जदयू अपनी चाल चल रही है। जदयू के वरिष्ठ नेता और सांसद ललन सिंह और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव से दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात के कई मायने निकाले निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जदयू चिराग को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। ऐसे में जदयू ने साफ कर दिया है कि जो समझौता है वह भाजपा के साथ है और सीटों का बंटवारा भी भाजपा के साथ ही होगा।
सीतामढ़ी से जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि लोजपा मन में गलफत में नहीं रहे। अगर उसे कोई गलतफहमी है तो वह अकेले चुनाव लड़के देख ले। समझ में आ जाएगा। उन्होंने लोजपा के इस बयान पर नाराजगी जतायी कि जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ें।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार वर्ष 1985 में ही विधानसभा का चुनाव लड़के जीत चुके हैं। उस समय चिराग पासवान दो-तीन साल के बच्चे थे। नीतीश कुमार पर कोई भी टिप्पणी करने से पहले चिराग पासवान को अपनी हकीकत को भी देख लेनी चाहिए।
वहीं लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने सुनील कुमार पिंटू पर गहरा ऐतराज जताते हुए कहा कि जदयू वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव याद कर ले। जदयू को हिम्मत है तो वह विधानसभा का चुनाव अकेले लड़के देख ले। जनता जदयू को सबक सिखा देगी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के आशीर्वाद से सुनील कुमार पिंटू सांसद बने थे। यह उन्हें नहीं भूलना चाहिए।
ललन सिंह और आरसीपी सिंह ने बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से मिलकर सीटों के बंटवारे पर बात की। सूत्रों की मानें तो जदयू के इन दोनों बड़े नेताओं ने भूपेंद्र यादव को साफ तौर पर कह दिया कि जदयू चिराग से बात करने नहीं जाएगी। अगर सीट बंटवारे पर बात भी करनी है तो बीजेपी अपने स्तर पर करे। जदयू को इस बात पर खास तौर से ऐतराज है कि चिराग लगातार मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। आरसीपी और ललन ने भूपेंद्र यादव को कहा कि वे चिराग को अपनी तरफ से नसीहत दे दें।
इससे पहले चिराग ने नीतीश को चुनौती देते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ने की बात कही थी। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा को 42 सीटें मिली थी और इस बार भी वह इतनी ही सीट चाहती है। भाजपा और जदयू दोनों इतनी सीट देने को तैयार नहीं है। दोनों पार्टियां चिराग को 25 सीट से ज्यादा नहीं देना चाहती है। इसी को लेकर चिराग के तेवर तल्ख हैं। बाद में लोजपा के सूरजभान सिंह भी एक फॉर्मूला लेकर आए थे जिसमें 30-35 सीटों की मांग थी और जिसमें 20 सीटें पसंद की हो। इस फॉर्मूले पर भाजपा और जदयू ने कोई ध्यान नहीं दिया।