जनजीवन ब्यूरो / पटना: बदले माहौल में बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 75 से 96 सीटें जीतने की संभावना है. पार्टी को उम्मीद है कि महागठबंधन के अंदर सिर्फ कांग्रेस को इतनी सीटें मिलने से पार्टी को ऑक्सीजन मिल जायेगा और इससे उसका विस्तार राज्य के सभी क्षेत्रों में करने का अवसर भी मिलेगा. पिछले विधानसभा में पार्टी को 41 सीटें महागठबंधन के अंदर मिली थी. इस बार महागठबंधन के अंदर एक बड़ी पार्टी जदयू बाहर हो गयी है.
पार्टी को अधिक सीटें मिलता देख नेताओं में उत्साह
पार्टी को अधिक सीटें मिलता देख नेताओं में उत्साह है. यह माना जा रहा है कि कांग्रेस को जदयू कोटे की सीटें ही मिलेंगी. पार्टी नेताओं का मानना है कि कांग्रेस की झोली में अधिक सीटों के आने से सामाजिक समीकरण को साधने में मदद मिलेगी. अभी तक पार्टी सीमित सीट मिलने से सवर्ण, अति पिछड़ा, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और महिलाओं के बीच सीटों के बंटवारे में कई वर्गों की नाराजगी झेलनी पड़ती थी. अब अधिक सीटें खाते में आने से सभी वर्गों को संतुष्ट करने का मौका मिलेगा.
पार्टी अपना जनाधार भी बढ़ाने की कोशिश करेगी
इसके साथ ही पार्टी अपना जनाधार भी बढ़ाने की कोशिश करेगी. पार्टी को अधिक सीटें मिलने की उम्मीद में कार्यकर्ताओं में भी उम्मीद जगी है. पार्टी के कार्यकर्ता न सिर्फ दिल्ली में बल्कि प्रदेश प्रभारी, प्रभारी सचिव, प्रदेश अध्यक्ष और विधानमंडल दल के नेता के पास भी बड़ी संख्या में बायोडाटा जमा करा रहे हैं.