राजीव रंजन / पटना । कहते हैं कि दुध का जला छांछ भी फूंक फूंक कर पीता है। यही हाल कांग्रेस पार्टी की बिहार में है। लोकसभा चुनाव में सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने से कांग्रेस पार्टी ने सबक लिया और विधानसभा चुनाव में अपनी अहमियत दिखाने के लिए तैयार है। यह स्थिति अविनाश पांडेय़ की सूझ बूझ के कारण हुई है। लोकसभा चुनाव के समय शक्ति सिंह गोहिल इस मुद्दे को डील कर रहे थे। शनिवार को कांग्रेस ने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर महागठबंधन में सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी।
बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे ने कहा कि हम राष्ट्रीय जनता दल के साथ सम्मानजनक सीटों के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं, अगर बात बन गई तो हम उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। वहीं अगर सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी तो हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
दरयअसल लोकसभा चुनाव में 135 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी को राजद ने मात्र 9 सीटें दी थी, जबकि रातों रात जन्म लेने वाली मुकेश साहनी की वीआईपी पार्टी को चार सीटें दी गई थी। इस समझौते को लेकर बिहार के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच शक्ति सिंह गोहिल की सोच को लेकर काफी चर्चा हुई। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस समझौते में काफी लेन देन किया गया।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि कम से कम सौ सीटें पार्टी को दी जाए। जबकि आरजेडी 50 से 55 सीटें देने को तैयार है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में आरजेडी की बात मान ली थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में अपने हिसाब से सीटें चाहेंगे।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सबसे पहले जहां जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से किनारा कर लिया, उसके बाद उपेंद्र कुशवाहा और अब कांग्रेस ने भी आरजेडी को चेतावनी दे दी। कांग्रेस ने कहा है कि अगर हमें सम्मानजनक सीटें नहीं मिलेंगी तो हम 243 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं।