आलोक रंजन / पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जीतन राम मांझी एनडीए और उपेंद्र कुशवाहा मायावती का दामन पहले ही थाम चुके हैं। अब RJD कांग्रेस पर दबाव डाल रही है। RJD ने महागठबंधन के लिए सीट शेयरिंग का नया फार्म्यूला तैयार किया है। अब देखना यह है कि कांग्रेस इसे स्वीकार करती है या चुनाव के पहले महागठबंधन में एक और बिखराव होता है।
महागठबंधन में फंसे सीट शेयरिंग के पेंच
बताया जा रहा है कि अब सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस के नेता भी आरजेडी का नेतृत्व कर रहे लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव से नाराज हैं। बताया जाता है कि तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे का नया फार्म्यूला बनाया है। बता दें कि आरजेडी की ओर से कांग्रेस को 58 विधानसभा की सीट के साथ वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट का ऑफर किया गया है। एक तरफ जहां कांग्रेस इसे मानने को तैयार नहीं तो दूसरी तरफ आरजेडी के नेता इससे अधिक सीट देने को राजी नहीं दिख रहे। ऐसे में तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में सीट शेयरिंग का नया फार्म्यूला तैयार किया है। सूत्र की माने तो सीट बंटवारे को लेकर इस नए फार्म्यूला में कांग्रेस की सीट 58 से बढ़ाकर 64 की गई है।
इसके अलावा कांग्रेस को यह भी कहा गया है कि वह आरजेडी के टिकट पर अपने 5 उम्मीदवार को चुनावी मौदान में उतारे। बता दें कि कांग्रेस की ओर से भी 70 से 75 सीट की उम्मीद की जा रही थी, ऐसे में आज दिल्ली में होने वाली बैठक में कांग्रेस इस नए फार्म्यूला पर मुहर लगा सकती है।
महागठबंधन को बचाकर रखने के लिए आरजेडी ने जो फार्म्यूला दिया है उसके तहत लेफ्ट (माले,सीपीआई,सीपीएम) को 22, मुकेश सहनी के वीआईपी को 6 और बचे 5 सीटों को झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुलायम सिंह यादव की पार्टी सपा को दी जाएगी। खुद आरजेडी 146 सीटों पर अपने उम्मीवार को चुनावी मैदान में उतारेगी। बता दें कि महागठबंधन में शामिल होने के बाद लेफ्ट की ओर से आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को 53 सीटों की सूची दी गई थी। बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में भाकपा-माले 98 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे तीन सीटों पर जीत मिली थी, भाकपा 91 और माकपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उन्हें कोई सीट नहीं मिली थी। यही वजह रही कि आरजेडी ने पिछला रिकार्ड देखते हुए भाकपा-माले, भाकपा एवं माकपा को उनकी मांग के मुताबिक सीटें देने को तैयार नहीं हुई।
तेजस्वी के मुख्यमंत्री स्वीकारने को कांग्रेस भी तैयार नही
हालांकि आरजेडी की ओर से लगातार यह प्रचारित किया जा रहा है कि महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव ही होंगे मुख्यमंत्री का चेहरा। लेकिन मुख्यमंत्री के सवाल पर कांग्रेस के कई नेता यह कह चुके है कि इसका फैसला सभी घटक दल मिलकर करेंगे। यानी कांग्रेस ने सीधे तौर पर तो नही लेकिन इशारों में यह बता दिया है कि तेजस्वी का नेतृत्व उन्हे स्वीकार नही है। आज कांग्रेस के आलाकमान के साथ दिल्ली में बैठक हो रही है जिसमें आरजेडी के नए फार्मुले के साथ सीएम के चेहरे पर भी चर्चा की जाएगी। सूत्र की माने को कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते है कि 2020 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़े। इसके पिछे की सोच यह है कि इसबार अगर 243 सीटों पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करती है तो पूराने कांग्रेसी भी साथ आएंगे और धीरे-धीरे ही सही कांग्रेस बिहार में तीस साल पहले की स्थिति में लौट सकती है। अब देखना है कि आज सीट शेयरिंग पर दिल्ली में होने वाले कांग्रेस के स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक क्या होता है। बता दें कि इस बैठक में शामिल होने के लिए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा और सीएलपी नेता सदानंद सिंह दिल्ली बुलाया गया है। इस बैठक में बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी मौजूद रहेंगे।