नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति बना ली है। कांग्रेस की रणनीति के तहत ना सिर्फ शिवराज सिंह चौहान का पतन सुनिश्चित करना है बल्कि बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हैशियत बताना भी है। साथ ही सिंधिया व सचिन पायलट की दोस्ती या फिर पार्टी के प्रति बफादारी का लिटमस टेस्ट भी करना शामिल है। चुनाव प्रारचार में जस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट के सभी 13 मंत्री समेत 19 लोगों को अहम जिम्मेदारी दी गई है। जिसके साथ कंघा- से कंधा मिलाकर साथ देंगे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टीम। इस बाबत संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने टीम गहलोत और टीम बघेल को स्वीकृति दे दी है। जो आगामी दिनों में अपनी दायित्व संभाल लेंगे। हलांकि कांग्रेस का स्टार प्रचारकों की औपचारिक लिस्ट आना बांकि है। मगर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर चुनावी प्लान तैयार कर लिया गया है।
प्रियंका गांधी करेंगी रोड शो
ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके अपने ही गढ़ में घेरने के लिए अपने सबसे बड़े चेहरे और स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को चुनाव प्रचार में उतारने की तैयारी में है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी,सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल इलाके में रोड और चुनावी सभा कर सकती है। प्रियंका गांधी दतिया की प्रसिद्ध पीतंबरा पीठ के दर्शन करने के साथ ही ग्वालियर को दोनों सीट,डबरा, भांडेर, मुरैना,अंबाह,दिमनी,मेहगांव और गोहद में चुनावी रैली और रोड शो कर सकती है। चुनाव की तारीखों के एलान के बाद प्रियंका के पूरे चुनावी कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए बेहद अहम हैं। सरकार बचाए रखने के लिए शिवराज सिंह चौहान को कम से कम नौ सीटों पर जीत हासिल करनी होगी। जबकि सत्ता में दोबारा वापसी के लिए कांग्रेस के सामने सभी सीट जीतने की चुनौती है। इस बावत कांग्रेस रणनीतिकार ने अहम योजना तैयार कर लिया है। जिसमें स्टार प्रचारकों के अलावा टीम गहलोत के सभी कैबिनेट मंत्री समेत संगठन के कुछ लोगों के साथ करीब 19 लोगों के उपर गंभीर दायित्व डालने का फैसला संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के कार्यालय से लिया जा चुका है। जो विधानसभा चुनाव में हरेक बारिक पहलूओं का पता लगाकर उसे समाधान करेगा।
गहलोत हैं राजनीति के बाजीगर
राजस्थान में सचिन पायलट के पाला बदलने के ड्रामे को जिस तरह से अशोक गहलोत ने फ्लाप किया उससे उनका कद पहले से काफी ऊंचा हुआ है। इसलिए पार्टी उनकी राजनीतिक सोच का फायदा मध्य प्रदेश के चुनाव में लेना चाहती हो।
टीम गहलोत को लगाने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि ग्वालियर-चंबल का इलाका राजस्थान से सटा हुआ हुआ है। जिसमें करीब उपचुनाव का 20 से ज्यादा क्षेत्र है।
सूत्र का कहना है कि राजस्थान के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पार्टी ने अपनी जिम्मेंदारी से अवगत करा दिया है। उनसे कहा गया है कि छत्तीसगढ़ संयुक्त मध्यपद्रेश का हिस्सा रहा है, इस हिसाब से वे खुद तय करें कि उनकी भूमिका क्या हो सकती है। बहरहाल कांग्रेस पार्टी ने 28 में से 24 उम्मीदवारों की सूची तय कर दी है। जबकि भाजपा की प्रत्याशियों की सूची आना बांकी है।
सनद रहे कि 3 नवंबर को राज्य की जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होना है। उनमें से 25 सीटें कांग्रेस के बागी विधायकों की हैं। जिससे इसी साल मार्च में इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार की विदाई करवाई थी। बाकी सीटें भाजपा विधायकों के निधन से खाली हुई हैं।
राज्य का समीकरण
उपचुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य विधानसभा में 230 सदस्य हो जाएंगे। ऐसे में बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के पास इस समय 107, कांग्रेस के पास 88, बसपा, सपा, निर्दलीय के पास क्रमशः 2, 1, 4 विधायक हैं
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पायलट के सामने गुर्जर बाहुल्य सीटें जिताना चुनौती
मध्यप्रदेश के उपचुनाव में भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके ‘घर’ में ही घेरने के लिए कांग्रेस ने बड़ा दांव चलने की तैयारी में है। कांग्रेस ने अपना अक्रामक पूरा चुनावी कैंपेन तैयार कर लिया है। जिसमें सिंधिया को उनके अपने ही गढ़ मसलन मुरैना जिले की पांचों सीटें गुर्जर बाहुल्य वोटरों वाली है। जिसमें राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट को चुनाव प्रचार में उतारने की तैयारी में है। जिसके तहत पायलट को अपनी ताकत का अहसास कराने का मौका होगा।