अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । लोक जनशक्ति पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. इस बात का फैसला पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया है.
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई में बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) लड़ना लोजपा को रास नहीं आया. रविवार को दिल्ली में हुई लोजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया कि बिहार विधानसभा के चुनाव में वह अपने दम पर उतरेगी. यह जानकारी भरोसेमंद सूत्रों ने दी है. लोजपा के इस फैसले के साथ ही बिहार राजग में फूट से प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है. हालांकि लोजपा ने भाजपा से अलग होने का फैसला नहीं किया है, लेकिन गठबंधन से अलग होने के निर्णय से चुनावी सियासत के नए समीकरण जल्द ही दिखने की उम्मीद है.
इसके अलावा संसदीय बोर्ड की बैठक में तय हुआ कि एक साल से बिहार 1st बिहारी 1st के माध्यम से उठाए गए मुद्दों से लोजपा पीछे नहीं हटेगी.
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का एक पोस्टर बिहार में चर्चा का विषय बन गया है. इस पोस्टर में एलजेपी ने साफ कर दिया है कि उनकी नाराजगी जेडीयू से है, बीजेपी से उनकी कोई नाराजगी नहीं है. इस पोस्टर में लिखा है, “मोदी से कोई बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं.” इस पोस्टर में बताया गया है कि नीतीश के लिए कुर्सी पहली प्राथमिकता है, जबकि एलजेपी और बीजेपी के लिए पहली प्राथमिकता बिहार है.
नीतीश कुमार और चिराग पासवान में तकरार
बिहार में रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी एनडीए के साथ है या नहीं. एलजेपी सांसद चिराग पासवान इंतजार की स्थिति में हैं, लेकिन बीच बीच में उनकी पार्टी की ओर से सीएम नीतीश कुमार पर हमला किया जा रहा है. नीतीश कुमार भी LJP को छोटी पार्टी मानकर ज्यादा वरीयता नहीं दे रहे हैं.
दरअसल एलजेपी की ओर से नीतीश सरकार के सात निश्चय एजेंडा को भ्रष्टाचार का पिटारा बताया गया. पार्टी के आधिकारिक बयान में कहा गया कि एलजेपी बिहार सरकार के एजेंडे सात निश्चय के कार्यक्रम को नहीं मानती है.