जनजीवन ब्यूरो / रांची । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े एक और मामले में शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई. हालांकि एक अन्य मामले में जमानत नहीं मिलने की वजह से फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा और उनकी रिहाई नहीं होगी. जानकारी के मुताबिक, अंतिम मामले में जमानत एक महीने बाद मिलेगी. सभी मामलों में उन्हें जमानत आधी सजा जेल में काटने की वजह से मिल रही है. बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उनके द्वारा चुनाव प्रचार किए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी जिसपर एक तरह से विराम लग गया है.
लालू यादव की ये है दलील- जमानत याचिका में लालू प्रसाद यादव के वकील की ओर से कहा गया है कि चाईबासा केस में लालू यादव ने आधी सजा पूरी कर ली है, इस आधार पर उन्हें जमानत दी जाए. लालू यादव को सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई थी.
तीन मामलों में सजायाफ्ता हैं लालू
करीब एक हजार करोड़ रुपये के चारा घोटाला से जुड़े तीन मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव न्यायिक हिरासत में रिम्स में पिछले दो वर्ष से अधिक समय से इलाजरत हैं. बिहार चुनाव से ठीक पहले कोरोना संक्रमण की आशंका की बात कहकर उन्हें रिम्स के निदेशक के भव्य बंगला में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां राजद प्रमुख लालू पर लगातार बिहार के संभावित प्रत्याशियों से मिलने और राजनीतिक मुलाकातें करने के आरोप लगते रहे हैं.
राजद 144 सीटों पर लड़ रही चुनाव-
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद यूपीए-महागठबंधन के साथ मिल कर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस को जहां इस इलेक्शन में 70 सीटें दी गई है, वहीं राजद खुद इस चुनाव में 144 सीटों पर लड़ रही है.
‘लालू कहां रहेंगे कहां नहीं’, इसका फैसला झामुमो नहीं, जेल प्रशासन करेगा
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को साफ किया कि लालू प्रसाद यादव कहां रहेंगे, कहां नहीं, इसका फैसला उनकी पार्टी नहीं करती है बल्कि इसका फैसला जेल प्रशासन एवं रिम्स प्रबंधन करेगा.
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल से एक भी सीट न पाने के बाद झामुमो के बिहार में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने के फैसले से उपजी परिस्थितियों में रांची में रिम्स निदेशक के बंगले में इलाजरत लालू प्रसाद को मिली तमाम छूट वापस लिए जाने के कयासों के बीच बुधवार को भट्टाचार्य ने यह स्पष्टीकरण दिया.
भट्टाचार्य से जब यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा की इस टिप्पणी पर की ‘इतनी मेहमाननवाजी काम नहीं आई,’ सवाल किया गया तब उन्होंने कहा, ‘भाजपा को अपनी सेहत की चिंता करनी चाहिए. लालू जी कहां रहेंगे, कहां नहीं, इसका फैसला झामुमो नहीं करेगा. इसका फैसला जेल प्रशासन और रिम्स प्रबंधन करेगा.’ भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में कोई सीट न मिलने पर झामुमो पर तंज कसा कि ‘इतनी मेहमाननवाजी’ काम न आई.’ उसने आरोप लगाया कि बिहार का महागठबंधन एक बार फिर से ठगबंधन ही साबित हुआ है.