जनजीवन ब्यूरो / पटना । बिहार में विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में 12 रैलियां करेंगे जबकि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी अदित्यनाथ छह दिनों में 18 रैलियों को संबोधित करेंगे। एनडीए एक बार फिर नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य में विधानसभा का चुनाव लड़ रही है। उसे एक बार फिर राज्य की सत्ता पर काबिज होने की उम्मीद है। वहीं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कुर्सी के लालच में नीतीश कुमार ने बिहार को गर्त में पहुंचा दिया है। इसके अलावा राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लोक जनशक्ति पार्टी पर हमला बोला और उसे वोटकटवा पार्टी करार दिया। यहां पढ़ें इससे जुड़े अपडेट्स-
बिहार में 18 रैलियां करेंगे योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार में छह दिनों में 18 रैलियों को संबोधित करेंगे। उनकी पहली रैली 20 अक्तूबर को होगी। वे एक दिन में तीन रैलियों को संबोधित करेंगे। उनकी पहली रैली कैमूर में 12 बजे, दूसरी अरवल में दो बजे और रोहतास के विक्रम गंज में 3.15 बजे होगी। इसके अलावा वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भी मौजूद रहेंगे।
अब नेताओं को दिखाना पड़ता है अपने काम का रिपोर्ट कार्ड
बिहार के बांका में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘2014 के चुनावों से पहले, राजनीतिक नेता एक-दूसरे पर अपने भाषणों में नफरत, जातिवाद और समाज को तोड़ने के लिए उकसाने वाले आरोप लगाते थे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव के बाद राजनीतिक संस्कृति बदल गई है। अब नेताओं को अपने कामों का रिपोर्ट कार्ड दिखाना पड़ता है।’
ये है प्रधानमंत्री मोदी का बिहार चुनाव प्रचार का कार्यक्रम
23 अक्तूबर को सासाराम, गया और भागलपुर में होगी प्रधानमंत्री की पहली रैली।
28 अक्तूबर को दरभंगा और मुजफ्फरपुर में रैली करेंगे।
एक नवंबर को छपरा, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर में रैली होगी।
तीन नवंबर को पश्चिमी चंपारण, अररिया, फारबिसगंज में प्रधानमंत्री रैली करेंगे।
बिहार में 12 रैलियां करेंगे पीएम मोदी
बिहार चुनाव के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘बिहार में प्रधानमंत्री जी की सारी रैलियां एनडीए की रैली होगी। वह 12 रैलियां करेंगे। इसमें सबसे पहले 23 तारीख को सासाराम, गया और भागलपुर में होंगी। 28 को दरभंगा में पहली रैली, मुजफ्फरपुर में दूसरी और पटना में तीसरी रैली करेंगे। फिर वह एक नवंबर को आएंगे। प्रधानमंत्री की सभा के जरिए राज्य के विकास का नक्शा जनता के सामने रखा जाएगा। प्रधानमंत्री की रैली को एलईडी स्क्रीन के जरिए ज्यादा से ज्यादा जनता तक पहुंचाया जाएगा। इस सभा में सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा।’
अब विकास के मुद्दे पर मांगे जाते हैं वोट
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, रविशंकर प्रसाद, जदयू की तरफ से संजय झा एवं अन्य नेता मौजूद थे। जदयू नेता संजय झा ने कहा कि इस प्रदेश में हमेशा से जाति के नाम पर वोट मांगा गया, लेकिन नीतीश कुमार ने इसे बदला है। अब विकास के मुद्दे पर वोट की अपील की जाती है। नीतीश कुमार ने 2005 में माइनस से काम शुरू किया था। आज बिहार की स्थिति है क्या है, यह किसी से छुपी हुई नहीं है।
राजद का जन्म एक राजनेता को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए हुआ था
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘राजद कार्यालय से गुजरा तो विरासत की तस्वीर खोजी, लेकिन दिखाई नहीं दी। विरासत की याद दिलाएंगे तो खौफ की याद आएगी, लूट की याद आएगी, भ्रष्टाचार की याद आएगी। तस्वीर छुपाकर आप अपनी विरासत भूल सकते हैं क्या? राजद पार्टी का जन्म एक राजनेता को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए हुआ था। उस समय मुख्यमंत्री जनता दल के थे और जब उनका नाम एक बड़े घोटाले में सामने आया और पार्टी ने मुख्यमंत्री पर इस्तीफा देने का दबाव डाला तो राजद का गठन हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘हमारी सोच के केंद्र में विकास है। काम किया है और आगे भी करेंगे। एक तरफ जहां जनता के प्रति विकास की जिम्मेदारी का भाव है तो दूसरी तरफ अपने परिवार के विकास के प्रति संकल्पित नेता है। हम तो अपने काम गिना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जो लोग हैं वो अपने बैनर-पोस्टर पर लालू-राबड़ी की तस्वीर नहीं लगा रहे हैं। क्या अपहरण-लूट और हत्या की बात को भूला जा सकता है? ‘
वोटकटवा है लोजपा, अपना वोट बर्बाद न करें
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर हमला बोला। उन्होंने लोजपा को वोटकटवा पार्टी करार दिया। उन्होंने कहा, ‘हम तीन पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। लोजपा वोटकटवा की भूमिका में है। उसे अपना वोट देकर बर्बाद न करें।’ उन्होंने लोजपा पर ज्यादा सीटें मांगने का आरोप लगाया।
लालू ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। लालू ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘कुर्सी के लालच में नीतीश कुमार ने बिहार को गर्त में पहुंचा दिया है। 2010 के चुनाव में बहुमत प्राप्त करने के बाद सहयोगी दल के साथ विश्वासघात किया और 2015 में हमारे दम पर जीतने के बाद पीठ में छुरा घोंपा। नीतीश की कोई नीति, नियम और नियत नहीं। अब तो ये नेता भी नहीं रहे।’