टीम में मंत्री जैन भाया, चानना और बामनिया, 6 विधायक समेत 16 पदाधिकारी
अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। कांग्रेस के लिए अहम का सवाल बना मध्यप्रदेश का 28 उपचुनाव को तार्किक परिणाम देने के लिए टीम गहलोत ने मोर्चा संभाल लिया है। जिसमें तीन मंत्री ,6 विधायक समेत संगठन के करीब 16 पदाधिकारियों को कांग्रेस आलाकमान ने जिम्मेंदारी तय कर दी है। यदि आवश्यक हुआ तो कई और पदाधिकारियों को जिम्मेंदारी दी जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमा के 22 विधायकों के कांग्रेस पार्टी के विरोध में खड़े होने के कारण कमलनाथ सरकार को ईस्तीफा देने पड़ा था। तब से उपचुनाव की आंस लगाए बैठी कांग्रेस किसी भी सूरत में मध्यप्रदेश में फिर से सत्ता में आने के लिए कोई-कसर छोड़ना नहीं चाहती है। इस बाबत पार्टी के रणनीतिकार राजस्थान और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार से पूरा सहयोग ले रही है। जिसमें राजस्थान सरकार की जिम्मेदारी अहम हो गई है। क्योंकि राजस्थान और मध्यप्रदेश का सीमा मिलता- जुलता है। इस बाबत पार्टी ने राजस्थान सरकार के मंत्री प्रमोद जैन भाया, अशोक चानना और अर्जुन सिंह बामनिया को अहम जिम्मेदारी तय कर दी है। हलांकि मंत्री जैन भाया को पहले अशोकनगर विधानसभा की जिम्मेंदारी दी गई थी। मगर आगर विधानसभा से भाया की मांग ज्यादा होने कारण उन्हें अशोकनगर से हटाकर आगर विधानसभा की जिम्मेंदारी दी गई है। इसके अलावा विधायक प्रशांत बैरवा,चेतन डूडी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय,निर्मला साहरिया,खिलाड़ी लाल बैरवा और पदाधिकारी सुरेंद्र यादव समेत 16 लोगों ने मध्यप्रदेश के उपचुनाव में मोर्चा संभाल लिया है। चर्चा है कि गहलोत कैबिनेट के मंत्री रघु शर्मा, बीडी कल्ला समेत कई विधायकों को और जिम्मेंदारी दी जा सकती है।
सनद रहे कि चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के खाली पड़े सभी 28 विधानसभा के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसकी तिथि 3 नवबंर तय किया गया है और परिणाम 10 नवंबर को घोषित होगा। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आने के बाद भाजपा ने शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में अपनी सरकार बना ली थी। यह उपचुनाव सत्ता में बने रहने के लिए कांग्रेस और भाजपा के लिए अहम माना जा रहा है।