जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ विधेयक पेश किए। अमरिंदर ने विधेयकों को पेश करते हुए भावुक भाषण भी दिया। उन्होंने विपक्षी अकाली दल को निशाने पर भी लिया। अमरिंदर ने कहा कि उनकी सरकार अगर गिरती है तो गिर जाए। उन्हें इसका डर नहीं है लेकिन वह किसानों के साथ हैं। वहीं दूसरी ओर, विपक्षी विधायकों ने केंद्रीय कृषि कानून की प्रतियां फाड़ी।
विधानसभा में बिल पेश करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वे केंद्रीय कृषि कानून की आलोचना करते हैं। केंद्र सरकार इस एक्ट को वापस ले, इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। इस कानून से किसानों का भला नहीं होगा, बल्कि उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र का कृषि बिल किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के हितों के खिलाफ हैं। उन्होंने इस दौरान तीन विधेयक, किसानों को उत्पादन सुविधा अधिनियम में संशोधन, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, किसानों के समझौते और कृषि सेवा अधिनियम में संशोधन बिल विधानसभा में पेश किए।
मुख्यमंत्री बोले, पहले भी दिया था इस्तीफा
विधेयक पेश करने के दौरान अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘मुझे अपनी सरकार के गिरने का डर नहीं है। मैं इस्तीफा भी देने के लिए तैयार हूं। पहले भी पंजाब के लिए इस्तीफा दिया था। हम किसानों के साथ पूरी तरह से खड़े हैं। बिल पेश करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि कृषी संसोधन बिल और प्रस्तावित इलेक्ट्रिसिटी बिल दोनों ही किसान, मजदूर और वर्कर्स के लिए घातक हैं।
राज्य के वित्त मंत्री ने पेश किया एक बिल
राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने भी विशेष विधानसभा सत्र के दौरान सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया। इसके बाद, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि अध्यादेशों और बिजली अधिनियम में संशोधन के खिलाफ एक प्रस्ताव रखा।
पेश किए तीन विधेयक, किसान उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विशेष प्रावधान एवं पंजाब संशोधन विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 और किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 हैं।
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तीरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 विधेयक हाल ही में संसद में पारित हुए थे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के इन्हें मंजूरी देने के बाद अब ये कानून बन चुके हैं। कृषि प्रधान राज्य पंजाब और हरियाणा में किसान केन्द्र के इन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।