जनजीवन ब्यूरो / पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ है। इस चरण में 1463 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है। दूसरे चरण में 94 सीटों पर मंगलवार को हुए मतदान में 53.51 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मुजफ्फरपुर जिले में सर्वाधिक 59.98 तो सबसे कम 48.23 फीसदी मतदान पटना जिले में हुआ है। विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो सबसे कम 34.50 फीसदी दीघा तो सबसे अधिक 63.62 फीसदी मतदान चनपटिया में हुआ है। आयोग ने कहा कि दोनों चरणों को मिलाकर शाम पांच बजे तक मतदान का प्रतिशत 53.79 प्रतिशत दर्ज किया गया। दूसरे चरण में पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, छपरा, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, नालंदा और पटना में मतदान हुआ है। सीटों के लिहाज से यह चरण काफी महत्वपूर्ण था।
इस चरण की वोटिंग संपन्न होने के साथ ही मैदान में खड़े नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव सहित चार मंत्रियों – श्रवण कुमार, रामसेवक सिंह, नंद किशोर यादव, राणा रणधीर के अलावा 1463 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। मुख्य निर्वाचन पदादिकारी एच श्रीनिवास ने मतदान को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होने पर सभी के प्रति आभार जताया।
सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार महाराजगंज, सबसे कम चार दरौली में
दूसरे चरण में सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार महाराजगंज और सबसे कम चार उम्मीदवार दरौली (सु) सीट से चुनाव मैदान में हैं। इस चरण में सबसे अधिक राजद के 56, लोजपा के 52, भाजपा के 46, जदयू के 43, रालोसपा के 36, बसपा के 33, राकांपा के 29, कांग्रेस के 24, माकपा व भाकपा के चार-चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला मतदाताओं ने किया। इस चरण में कुल 2.68 करोड़ मतदाता निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता सूची में शामिल थे।
किस जिले में कितने प्रतिशत हुआ मतदान
- पश्चिम चंपारण: 59.69%
- पूर्वी चंपारण: 56.75%
- शिवहर: 56.04%
- सीतामढ़ी: 57.40%
- मधुबनी: 54.67%
- दरभंगा: 54.15%
- मुजफ्फरपुर: 59.98%
- गोपालगंज: 55.09%
- सीवान: 51.88%
- सारण: 54.15%
- वैशाली: 54.52%
- समस्तीपुर: 56.02%
- बेगूसराय: 58.82%
- खगड़िया: 56.10%
- भागलपुर: 54.85%
- नालंदा: 51.06%
- पटना: 48.23%
आठ क्षेत्रों में चार बजे और शेष में छह बजे तक मतदान
मंगलवार को हुए दूसरे चरण के चुनाव को लेकर आठ विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक और शेष 86 विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान हुआ। चुनाव आयोग द्वारा शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी 41,362 बूथों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी थी। इसके साथ ही 3548 बूथों से लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गयी थी। इस चरण में 8694 बूथ संवेदनशील थे जहां सुरक्षा की सख्त व्यवस्था की गयी थी।
चार दर्जन से अधिक बूथों पर ईवीएम खराबी से वोटिंग में देरी
जानकारी के अनुसार दूसरे चरण के चुनाव को लेकर चार दर्जन से अधिक बूथों पर ईवीएम की खराबी के कारण मतदान शुरू होने में देरी हुई। मॉक पोल के दरम्यान और उसके बाद भी ईवीएम में खराबी की शिकायत के बाद उनको बदलना पड़ा। दूसरी ओर, छपरा के अमनौर के पहाड़पुर में ईवीएम को तोड़े जाने की घटना सामने आयी। उसे बदल कर मतदान पुन: शुरू कराया गया। कांटी के मधुबन में बूथ संख्या – 58 पर हंगामा हुआ जिसे प्रशासन की तत्परता से सुलझा लिया गया। नालंदा (बूथ संख्या 27), बनियापुर (294) और समस्तीपुर के विभूतीपुर विस के बूथ नंबर 46 और मुजफ्फरपुर के मीनापुर स्थित बूथ संख्या 221 व 244 पर ईवीएम में खराबी के कारण मतदान देर से शुरू हुआ।
पीरपैंती मतदाताओं के लिहाज से सबसे बड़ा चुनाव क्षेत्र
पीरपैंती मतदाताओं की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ा चुनाव क्षेत्र इस चरण में था जहां शाम पांच बजे तक 53.20 फीसदी मतदान हुआ। हालांकि यहां 3.34 लाख वोटर हैं। इनमें 1.78 लाख पुरुष, 1.56 लाख महिला और 12 ट्रांसजेंडर हैं। बेगूसराय के चेरियाबरियापुर मतदाताओं की संख्या से सबसे छोटा चुनाव क्षेत्र था। यहां शाम पांच बजे तक 56.62 फीसदी मतदान हुआ। हालांकि चेरियाबरियापुर में 2.48 लाख वोटर हैं। इनमें 1.30 लाख पुरुष, 1.17 लाख महिलाएं और 22 ट्रांसजेंडर हैं।
बीएसएफ जवान सहित तीन की मौत
हाजीपुर के भगवानपुर में मतदान केंद्र पर सुरक्षा में तैनात बीएसएफ के एक जवान की ड्यूटी के दौरानहार्टअटैक से मौत हो गई। वहीं, नालंदा में बुजुर्ग विष्णु देव पंडित सुबह मतदान के लिए गए थे। इसी दौरान हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई है। मतदान के लिए लाइन में लगे लोगों ने मृतक के परिजनों को सूचना दी। सारण के मशरक थाना क्षेत्र की कवलपुरा पंचायत के बहादुरपुर गांव में बूथ संख्या-71 पर मतदान करने पहुंची वृद्ध महिला की मौत हो गई। मृतक की पहचान देवेन्द्र सिंह की 70 वर्षीया पत्नी शारदा देवी के रूप में हुई। वृद्ध महिला वोट देने के लिए लाइन में लगी थी कि अचानक गिर पड़ी।
अश्विनी चौबे ने पूरे परिवार के साथ मतदान किया
भागलपुर नगर विधानसभा सीट के दुर्गाचरण प्राथमिक विद्यालय में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने अपने पूरे परिवार के साथ मतदान किया। साथ ही उन्होंने प्रदेश में एक बार फिर से एनडीए कि सरकार बनने की बात कही है| उन्होंने कहा कि भागलपुर लोकसभा के सभी सीट पर एनडीए के सभी प्रत्याशी भारी मतों से जीत रहे हैं।
शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा ने पढ़ें इनकी शान में कसीदे
कांग्रेस नेता और शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा ने पटना के संत सेवरिंस स्कूल के बूथ पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उनके साथ उनके बेटे लव सिन्हा जो बांकीपुर से कांग्रेस प्रत्याशी हैं, उन्होंने भी अपना वोट डाला। इस दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने तेजस्वी की शान में जमकर कसीदे पढ़ें।
लालू की बहू ऐश्वर्या ने पिता के साथ किया मतदान
लालू यादव की बहू और चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय ने छपरा के बजहीया में अपने पिता के साथ मतदान किया। इस मौके पर ऐश्वर्या राय का पूरा परिवार वोट देने उनके साथ मौजूद रहा। ऐश्वर्या राय ने कहा कि एनडीए फिर आएगी। वहीं चंद्रिका राय ने विपक्ष के तमाम दावों को हवा हवाई बताते हुए कहा कि लोगों ने उनके वायदों को नकार दिया है और पूरी तरह से एनडीए के पक्ष में मतदान कर रही है।
देवरिया उपचुनाव: तय करेगा राज्य के ब्राह्मण किधर?
जनजीवन ब्यूरो गोरखपुर । उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के लिए मतदान हो चुका है। यूं तो यूपी के पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक की तमाम सीटों पर वोटिंग कराई गई है, लेकिन सत्ता से लेकर विपक्ष तक की नजर देवरिया सदर की उस सीट पर है, जहां मंगलवार को कुल 51 फीसदी के आसपास वोट पड़े हैं। देवरिया सदर की सीट ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। बीते दिनों यूपी में ब्राह्मणवाद की सियासत का दौर अपने चरम पर रहा भी है, वहीं देवरिया को ब्राह्मण वोटर्स के प्रभाव का इलाका कहा जाता है। ऐसे में यहां की जीत इस बात का रुझान दिखा सकती है कि यूपी में ब्राह्मण किसके साथ हैं?
देवरिया में कुल 3 लाख 36 हजार 565 वोटर्स रजिस्टर्ड हैं। देवरिया सीट से ब्राह्मण,कायस्थ, और पिछड़ी जातियों के वोटरों बड़ी संख्या में हैं, लेकिन प्रभावी वोटबैंक ब्राह्मणों का कहा जाता है। रिपोर्ट्स की मानें तो करीब 3.36 लाख वोटरों की सीट पर करीब 50 से 55 हजार ब्राह्मण वोटर्स है। दूसरे नम्बर पर वैश्य और अन्य पिछड़ी जातियों के वोटर्स है। इस तरह ब्राह्मण वोटर्स की संख्या करीब 16 फीसदी है। इसे देखकर ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि यहां पर ब्राह्मणों का वोट जीत और हार का फैसला तय कर सकता है।
चार प्रमुख दलों ने बनाए ब्राह्मण उम्मीदवार
यूपी में बीते कुछ महीनों में ब्राह्मणों के खिलाफ अपराध के मुद्दे पर विपक्ष सरकार की आलोचना करता रहा है। वहीं एसपी से लेकर कांग्रेस तक सभी ब्राह्मण वोटरों को पक्ष में करने के हर संभव कैंपेन करते रहे हैं। दूसरी ओर बीजेपी ब्राह्मणों को किसी भी हाल में नाराज नही करना चाहती थी। ऐसे में पार्टी ने देवरिया से विधायक रहे जन्मेजय सिंह की मृत्यु के बाद इस सीट से सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी घोषित किया। वहीं कांग्रेस ने मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी, बीएसपी ने अभय नाथ त्रिपाठी और समाजवादी पार्टी ने ब्रह्माशंकर त्रिपाठी को मैदान में उतारा। यह पहली बार है जब एसपी ने देवरिया सीट से किसी ब्राह्मण को उतारा है। कारण सिर्फ उस इलाके से ब्राह्मणों में संदेश देने की कोशिश थी, जिसे यूपी की सियासत में ब्राह्मण वोटरों का गढ़ कहा जाता है।
जीत या हार से तय होगा सियासत का संदेश
पिछले दिनों परशुराम की भव्य मूर्ति बनवाने को लेकर लगातार ब्राह्मण हितैषी साबित करने में लगी समाजवादी पार्टी इस सीट पर जीतती है तो यह संदेश देने की कोशिश होगी कि ब्राह्मण समुदाय ने पारंपरिक ट्रेंड से हटकर वोट किया है। इसके अलावा बीजेपी की जीत होने पर पार्टी ये दावा जरूर करेगी कि ब्राह्मण वोटर अब भी उसके साथ है। लेकिन अगर ब्राह्मण प्रत्याशी के बावजूद बीजेपी हारती है तो विपक्ष इसे सरकार के खिलाफ इस्तेमाल जरूर कर सकता है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि देवरिया सीट से पिछले तीन दशक से कोई ब्राह्मण नही बैठा है। 1989 में आखिरी बार जनता दल के टिकट पर राम छबीले मिश्रा यहां से जीते थे।