जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मंडल और कमंडल का का मामला गरम है। आरएसएस और आरक्षण समर्थक नेताओं के बीच बहस जारी है। जनता दल यू के अध्यक्ष शरद यादव भी आरक्षण के समीक्षा की बात करते हैं लेकिन यह भी कहते हैं कि किसी भी राजनीतिक दल में इसकी समीक्षा करने की हिम्मत नही है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए शरद ने कहा कि आरएसएस और भाजपा के बीच मां-बेटी जैसा रिश्ता है।
शरद यादव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संविधान के प्रावधान के तहत आरक्षण दिया गया है, लेकिन जब उनसे संविधान के तहत ही समीक्षा करने का सवाल किया गया तो वह कहते हैं कि मोदी सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर इसकी समीक्षा करा ले। लेकिन कोई भी पार्टी इसके लिए तैयार नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि आरक्षण तभी समाप्त किया जा सकता है जब सामाजिक विषमता समाप्त होगी। 68 साल आजादी मिलने के बाद भी देश में सामाजिक विषमता में कोई कमी नहीं आई है। जबतक इससे मुक्ति नहीं मिलेगी तबतक आरक्षण व्यवस्था समाप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज सभी जातियां आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
बार बार बिहार में जंगलराज का सवाल उठाने पर शरद ने कहा कि गुजरात के दंगे, बाबरी मसजिद प्रकरण में जिन लोगों ने जान गंवाई, 1984 के सिख दंगे में जिनको जलाया गया वह कौन सा राज था।
दादरी की घटना पर उन्होंने कहा कि यह वीभत्स घटना है इसकी जितनी भी आलोचना की जाए कम है। इस तरह की घटना देश के लिए ठीक नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार को ऐसी घटना रोकने के लिए ज्यादा प्रयास करना चाहिए।