जनजीवन ब्यूरो / पटना । आखिरी चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार खत्म हो गया है। सीएम नीतीश कुमार ने पूर्णिया के धमदाहा में आखिरी चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कैप्टन कार्ड खेला है। कैप्टन कार्ड का मतलब हम आपको आगे समझाएंगे, उससे पहले यह जान लीजिए कि नीतीश कुमार ने कहा क्या है। 69 साल के नीतीश कुमार का चुनावी मैदान में मुकाबला 30 साल के तेजस्वी यादव से है। चुनावी रैली के दौरान नीतीश कुमार ने कहा है कि ये मेरा आखिरी चुनाव है।
दरअसल, नीतीश कुमार से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 विधानसभा चुनाव में यह दांव चला था। कैप्टन अमरिंदर सिंह 78 साल के हैं। चुनाव के वक्त उनकी उम्र में 75 साल थी। उस लिहाज से देखें तो नीतीश कुमार कैप्टन से 9 साल छोटे हैं। कैप्टन ने जनवरी 2017 में नामांकन दाखिल करने के बाद पीसी किया था। उसके बाद उन्होंने कहा था कि ये मेरा आखिरी चुनाव होगा। मैं प्रकाश सिंह बादल को उनके घर में हराकर रहूंगा।
कैप्टन इस दांव में कामयाब भी हो गए थे। अमरिंदर सिंह अपने आखिरी चुनाव में बादल को हराने में कामयाब हुए हैं। ऐसे में नीतीश कुमार के इस बयान की तुलना भी कैप्टन की बात से की जा रही हैं। हालांकि कैप्टन ने यह बात चुनाव की शुरुआत में ही कही थी। लेकिन नीतीश कुमार बिहार में 2 चरण के चुनाव संपन्न हो जाने के बात यह बात कही है।
क्या कहा है नीतीश कुमार ने
नीतीश कुमार पूर्णिया जिले से धमदाहा सीट पर जेडीयू उम्मी लेशी सिंह के लिए चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये चुनाव का आखिरी दिन है और मेरा ये अंतिम चुनाव है। नीतीश कुमार ने कहा कि अंत भला तो सब भला। अब बताइए वोट दीजिएगा इनको। नीतीश कुमार के इस बात से साफ संदेश है कि उन्होंने सहानुभूति बटोरने की कोशिश की है।
नीतीश को फायदा या नुकसान
दरअसल, चुनावी रैलियों के दौरान नीतीश कुमार को कई जगहों पर विरोध का सामना करना पड़ा है। इस दौरान वह गुस्से में भी नजर आए हैं। चर्चा यह भी है कि पहले चरण की रिपोर्ट से भी वह संतुष्ट नहीं हैं। साथ ही दूसरे चरण से उम्मीद के मुताबिक भरपाई नहीं हो पा रही है। हालांकि सारी चीजें रिजल्ट के बाद ही साफ हो पाएगी। ऐसे में नीतीश कुमार ने आखिरी दिन कैप्टन कार्ड खेला है। साथ ही राजनीति से संन्यास की उन्होंने घोषणा भी कर दी है। तीसरे चरण में 78 सीटों पर वोटिंग है।
सीमांचल में नहीं मिले सुर
बिहार में पूरे चुनाव के दौरान एनडीए नेताओं के बयान में कहीं विरोधाभास नजर नहीं आए हैं। लेकिन नीतीश के संन्यास की घोषणा से एक दिन पहले यह भी हुआ है। सीमांचल इलाके में रैली के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि देश से सभी घुसपैठियों को हम लोग बाहर भेजेंगे। जबकि नीतीश कुमार ने कहा था कि सब लोग यहीं रहेंगे, कोई बाहर नहीं जाएगा।
तेजस्वी उठा पाएंगे फायदा?
महागठबंधन में सीएम पद के दावेदार तेजस्वी यादव पहले से ही कह रहे हैं कि नीतीश कुमार थक गए हैं। वहीं, नीतीश ने आज के बयान से एक भावुक अपील करने की कोशिश की है कि आप मुझे आखिरी मौका दीजिए। हालांकि अब तेजस्वी के पास यह मौका नहीं बचा है कि वह लोगों के बीच में जाकर यह बात कह सकें। लेकिन वह सोशल प्लेटफॉर्मों के जरिए इस बयान का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।