जनजीवन ब्यूरो / पटना । बिहार विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद आज नीतीश कुमार ने सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ली। उनके साथ दो उपमुख्यमंत्री और 12 मंत्रियों को भी राज्यपाल फागू चौहान ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बिहार की राजनीति में जाति को ध्यान में रखकर ही अधिकांश फैसले लिए जाते हैं। एनडीए सरकार के मंत्रीमंडल में भी इसे ध्यान में रखा गया है।
आज शपथ लेने वाले मंत्रियों में एक ब्राह्मण, दो भूमिहार, दो यादव और एक महादलित को जगह दी गई है। इसके अलावा अन्य जातियों को भी जगह दी गई है। बीजेपी और जेडीयू के इतर HAM से संतोष मांझी मंत्री बने हैं, जो मुसहर जाति से आते हैं। वहीं, मंत्री पद की शपथ लेने वाले मुकेश सहनी खुद को ‘सन ऑफ मल्लाह’ बताते हैं।
कभी ब्राह्मण और बनिए की पार्टी कही जाने वाली बीजेपी ने ब्राह्मण के तौर पर मंगल पांडेय को कैबिनेट में जगह दी है। सुशील मोदी के करीबी माने जाने वाले मंगल पांडेय पिछली सरकार में भी मंत्री थे। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में बीजेपी को ब्राह्मणों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी। अंत में स्थिति को संभालने के लिए बीजेपी ने दरभंगा में वीआईपी से केवटी सीट वापस लेकर मुरारी मोहन झा को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि पार्टी ने मधुबनी में नीतीश मिश्रा और विनोद नारायण झा को टिकट दिया था।
नीतीश कैबिनेट में मैथिल ब्राह्मणों को नहीं मिली है जगह
आज के शपथग्रहण समारोह में नीतीश कैबिनेट में दरभंगा और मधुबनी से तीन मंत्रियों को तो जगह दी गई है, लेकिन इनमें से ब्राह्मण चेहरा नदारद है। मिथिला की राजनीतिक इतिहास और वोटिंग पैटर्न पर नजर डालें तो मिथिला में बीजेपी-जेडीयू को ब्राह्मणों का समर्थन मिलता आया है। पिछली सरकार में इस इलाके से दो-दो ब्राह्मण मंत्री शामिल थे।
बिहार कैबिनेट का जातीय समीकरण:
- नीतीश कुमार : मुख्यमंत्री, जदयू (कुर्मी)
2. तारकिशोर प्रसाद : डिप्टी सीएम, बीजेपी (कलवार)
3. रेणु देवी : डिप्टी सीएम, बीजेपी (नोनिया)
4. विजेंद्र यादव : मंत्री, जदयू (यादव)
5. मेवालाल चौधरी : मंत्री, जदयू (कोईरी)
6. अशोक चौधरी : मंत्री, जदयू (पासी)
7. विजय चौधरी : मंत्री, जदयू (भूमिहार)
8. शीला कुमारी : मंत्री, जदयू (धानुक)
9. संतोष कुमार सुमन : मंत्री, हम (मुसहर)
10. मुकेश सहनी : मंत्री, वीआइपी (मल्लाह)
11. मंगल पांडेय : मंत्री, बीजेपी (ब्राह्मण)
12. अमरेंद्र प्रताप : मंत्री, बीजेपी (राजपूत)
13. रामप्रीत पासवान : मंत्री, बीजेपी (पासवान)
14. जीवेश कुमार : मंत्री, बीजेपी (भूमिहार)
15. रामसूरत कुमार : मंत्री, बीजेपी (यादव)
जानिए मंत्रियों के बारे में
तारकिशोर प्रसाद (उपमुख्यमंत्री)
कटिहार के रहने वाले तारकिशोर प्रसाद की बिहार की राजनीति में अच्छी पकड़ है। 64 वर्षीय तारकिशोर को चौथी बार कटिहार सीट से लड़ने का मौका मिला, यहां से उन्होंने डॉ. राम प्रकाश महतो को हराकर लगातार चौथी बार जीत दर्ज की।
12वीं पास तारकिशोर हैं करोड़पति
तारकिशोर ने वर्ष 1974 में कटिहार के डीएस कॉलेज से 12वीं पास की थी। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य रहे हैं। भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने संगठन में कई पद संभाले। तारकिशोर भाजपा विधानमंडल दल के नेता भी चुने गए हैं। तारकिशोर प्रसाद 1980 के दशक से ही राजनीति व सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। पहली बार फरवरी, 2005 में कटिहार से विधायक बने थे।
चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक, वे व्यापार और कृषि भी संभालते हैं। तारकिशोर की कुल घोषित संपत्ति 1.9 करोड़ रुपये है, जिसमें 49.4 लाख रुपये चल संपत्ति है और 1.4 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। तारकिशोर प्रसाद कुल घोषित आय 3.7 लाख है, जिसमें 3.7 लाख रुपये उनकी व्यक्तिगत आय है।
रेणु देवी (उपमुख्यमंत्री)
रेणु देवी बेतिया से चौथी बार विधायक चुनी गई हैं। अगर शिक्षा की बात करें, तो वह भी 12वीं पास हैं। रेणु देवी ने वर्ष 1977 में मुजफ्फरपुर विवि से इंटर पास किया था।
साल 1988 से रेणु देवी राजनीतिक व सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। उनकी मां संघ परिवार से जुड़ी थीं। बताया जाता है कि ननिहाल से ही उनका भाजपा व संघ से लगाव हुआ।
रेणु देवी के पति दुर्गा प्रसाद का देहांत हो चुका है। परिवार में उनके अलावा उनका एक बेटा और बेटी है। रेणी देवी बिहार में वर्ष 2005 से 2009 तक राज्य की खेल, कला एवं संस्कृति मंत्री भी रह चुकी हैं। रेणु देवी संगठन में महिला मोर्चा की अध्यक्ष, तीन राज्यों में महिला मोर्चा की प्रभारी, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य से लेकर अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमेटी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।
अमरेंद्र प्रताप
बिहार के भाजपा नेता अमरेंद्र प्रताप ने मंत्री पद की शपथ ली है। अमरेंद्र प्रताप भाजपा के कद्दावर नेता हैं। बक्सर जिले की चौगाई गांव निवासी प्रताप आरा से चौथी बार विधायक चुने गए हैं।राजपूत समुदाय से आते हैं। वे 2012 और 2015 में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं।
अमरेंद्र प्रताप की शिक्षा स्नातक है। इस बार चुनाव हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 2.08 करोड़ रुपये है। अमरेंद्र प्रताप खुद को सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से किसान बताते हैं, जबकि उनकी पत्नी गृहिणी हैं।
मंगल पांडे
बिहार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले भाजपा नेता मंगल पांडेय ने पिछली नीतीश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। मंगल पांडेय बिहार भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सीवान जिले के भृगु बलिया गांंव में जन्मे मंगल पांडेय वर्ष 1989 में भाजपा में शामिल हुए थे। 2005 में मंगल पांडेय को बिहार भाजपा का महासचिव बनाया गया। वर्ष 2012 में वे बिहार विधान परिषद के सदस्य बने थे।
युवा नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले मंगल पांडेय सबसे कम उम्र में बिहार भाजपा में अध्यक्ष बनने वाले नेता रहे हैं। मंगल पांडेय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् और आरएसएस से जुड़े रहे हैं और बिहार के कद्दावर नेताओं में उनका नाम है।
रामप्रीत पासवान
राजनगर सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाले डॉ. रामप्रीत पासवान को भाजपा के कोटे से मंत्री बनाया गया है। रामप्रीत पासवान के पास डॉक्टरेट की उपाधि है। रामप्रीत पासवान ने इस चुनाव में राजद नेता रामअवतार पासवान को हराया था। राजनगर (एससी) विधानसभा सुरक्षित सीट है।
जीवेश मिश्रा
दरभंगा की जाले सीट से चुनाव जीतने वाले जीवेश मिश्रा को भाजपा की ओर से मंत्री बनाय गया है। जीवेश मिश्रा के सामने कांग्रेस से मस्कूर उस्मानी उम्मीदवार थे, जिनका नाम जिन्ना विवाद में सामने आया था। जीवेश मिश्रा ने शपथ के दौरान खांटी दरभंगा के अंदाज में पाग पहन कर शपथ ली। रामप्रीत पासवान और जीवेश मिश्रा ने मैथिली भाषा में शपथ ग्रहण किया।
रामसूरत राय
भाजपा विधायक राममूरत राय ने मंत्री पद की शपथ ली है। रामसूरत राय ने इस बार मुजफ्फरपुर के औराई से जीत दर्ज की है। इससे पहले रामसूरत राय ने पहली बार 2010 में चुनाव जीता था। रामसूरत राय ने बीकॉम किया है। उन्हें पहली बार भाजपा के कोटे से मंत्री बनाया गया है।
जदयू से इन्होंने ली शपथ
विजेंद्र यादव :
जदयू नेता विजेंद्र यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। इससे पहले भी वह नीतीश सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे थे। विजेंद्र यादव पहले राजद में थे, लेकिन कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने राजद को छोड़कर जदयू का दामन थाम लिया। वर्ष 1990 में सुपौल सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले विजेंद्र यादव लगातार जीत हासिल करते रहे हैं। वह 2005 में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।इस दौरान ही राजद की बिहार की सत्ता से विदाई हुई थी और भाजपा-जदयू की सरकार बनी थी। विजेंद्र यादव अब तक बिहार के ऊर्जा, सिंचाई, विधि, वाणिज्य, मद्य निषेध विभाग के मंत्री रह चुके हैं।