जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ। लव जिहाद कानून पर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, विदेश सचिव निरूपमा राव और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार रहे नायर जैसे 104 पूर्व आईएएस ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर इस कानून पर आपत्ति जताई है। उन्होंने लिखा है कि यह कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश है और उन्हें परेशान करने के लिए बनाया गया है। लव जिहाद का नाम राइट विंग विचारधारा रखने वालों ने दिया है। इसमें कथित तौर पर मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को बहलाकर शादी करते हैं और फिर उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते हैं। ये केवल मनगढ़ंत कहानी है। यह एक तरफ का जघन्य अत्याचार है जो युवाओं के खिलाफ आपके प्रशासन ने किया है।
पत्र में अधिकारियों ने पिछले हफ्ते मुरादाबाद में हुई कथित घटना का जिक्र भी किया है। लिखा गया है कि बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर राशिद और सलीम नाम के शख्स को मारा-पीटा गया और बाद में एक पुराने मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसमें राशिद ने पिंकी नाम की लड़की से शादी की थी और वह उसके बच्चे की मां बनने वाली थी। आरोप है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की मारपीट में पिंकी का गर्भपात हो गया।
इसके अलावा बिजनौर का भी एक मामले का जिक्र किया गया है। इसमें एक अल्पसंख्यक लड़के पर जबरदस्ती 16 साल की हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया गया था जिसे बाद में लड़की और उसकी मां दोनों ने इनकार कर दिया था।
बता दें कि योगी सरकार झूठ बोलकर, झांसा देकर या छल-प्रपंच कर धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए धर्मांतरण संबंधी अध्यादेश लाई है। जिसे उत्तर प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इसके लागू होने के बाद झांसा देकर, झूठ बोलकर या छल-प्रपंच करके धर्म परिवर्तन करने-कराने वालों के साथ सरकार सख्ती से पेश आएगी।
अगर सिर्फ शादी के लिए लड़की का धर्म बदला गया तो ऐसी शादी न केवल अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।