जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्र की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने बुधवार को फिर सरकार के साथ बातचीत की। इस वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकार ने समिति बनाने की सहमति दी है। जबकि क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि तीनों कानूनों के वापस लिए जाने को लेकर अब भी संदेहास्पद स्थिति है। अगली बैठक चार जनवरी को होगी।
तोमर ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि किसान यूनियन ने जो चार मुद्दे रखे थे, उनमें से दो पर सरकार और यूनियन के बीच सहमति हो गई है। इसमें पहला मुद्दा पर्यावरण और पराली का है, जिस पर दोनों पक्ष रजामंद हो गए हैं। दूसरा मुद्दा बिजली का था, इस पर यूनियन की मांग थी कि किसानों को सिंचाई के लिए बिजली सब्सिडी जारी रखनी चाहिए। इस पर भी सरकार व यूनियन में सहमति हो गई है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि तीनों कानूनों के वापस लिए जाने को लेकर अब भी संदेहास्पद स्थिति है। इसके साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर सरकार के साथ आम सहमति नहीं बना सके। पराली जलाने के मुद्दे पर सरकार किसानों को जुर्माने से बाहर करने पर सहमत हो गई।
किसान नेता टिकैत बोले, अब दो चीजें शेष रहीं
सरकार के रुख से अभी तक नाखुश नजर आए किसान नेता राकेश टिकैत आज की वार्ता के बाद संतुष्ट नजर आए। टिकैत ने कहा कि अब दो चीजें शेष रह गई हैं, उन पर चार जनवरी को बात होगी। तब तक किसानों का शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा। आज अच्छे माहौल में बात हुई। सरकार ने आज हमारी दो बातें मान ली हैं। सरकार लाइन पर आई है, हम आज की वार्ता से खुश हैं।
एमएसपी जारी है और जारी रहेगी: कृषि मंत्री
कृषि मंत्री ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि किसान यूनियन के नेताओं ने आंदोलन में पर्याप्त अनुशासन बनाए रखने का प्रयत्न किया है। मुझे विश्वास है कि वे आगे भी ऐसा करेंगे। हम चार जनवरी को दोपहर दो बजे एक बार फिर मिलेंगे और एमएसपी पर चर्चा आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि हम पहले भी कहते रहे हैं कि एमएसपी जारी है और जारी रहेगी। तोमर ने कहा कि दिल्ली में ठंडे मौसम को देखते हुए हमने किसान नेताओं से अनुरोध किया है कि आंदोलन में शामिल बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को घर वापस भेज दें।