जनजीवन ब्यूरो / पटना । बिहार की राजधानी पटना के पीएमसीएच समेत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार नौ दिन से जारी है। इसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। ऐसे में यह हड़ताल जल्द खत्म होने के आसार नहीं लग रहे हैं।
बाहर से जॉइन कराए गए डॉक्टर
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बीच अस्पताल प्रशासन का दावा है कि मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो रही है। मरीजों की देखभाल के लिए पीएमसीएच में बाहर से अब 22 डॉक्टरों को जॉइन कराया गया है, जो विभिन्न विभागों की इमरजेंसी में सेवाएं दे रहे हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बुधवार को ओपीडी में 1162 मरीज देखे गए। इसके अलावा 72 मरीज इमरजेंसी में भर्ती भी किए गए। साथ ही, 22 बड़े ऑपरेशन भी हुए। बताया जा रहा है कि हड़ताल को देखते हुए कुछ आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल से भी डॉक्टरों को और पीएचआई से करीब 80 पारा मेडिकल स्टाफ को बुलाया गया है।
कई विभागों में काम पर लौटे जूनियर
इस बीच पीएमसीएच के अधीक्षक और आईएमए (बिहार) के अध्यक्ष डॉ. विमल कारक का कहना है कि जूनियर डॉक्टरों की इस हड़ताल से आईएमए ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। ऐसे में उन्होंने दावा किया कि कई विभागों में जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आए हैं। उम्मीद है कि बाकी जूनियर डॉक्टर भी जल्द ही अपने-अपने विभाग को जॉइन कर लेंगे।
जूनियर डॉक्टरों ने कही यह बात
पीएमसीएच के अधीक्षक के दावे को जूनियर डॉक्टर असोसिएशन (जेडीए) के सचिव डॉ. कुंदन सुमन ने नकार दिया। उनका कहना है कि आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात होने के बाद ही यह जा सकता है कि आईएमए हड़ताल को समर्थन देगा या नहीं। अभी हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने किसी विभाग में जॉइन नहीं किया है। सभी जूनियर डॉक्टर हड़ताल में शामिल हैं। यह महज गुमराह करने के लिए प्रचार किया जा रहा है। इस बीच सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत जूनियर डॉक्टरों से बात कर सकते हैं, जिसके बाद हड़ताल खत्म करने को लेकर कोई हल निकल सकता है।