अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली : अरुणाचल में जेडीयू विधायकों को भाजपा में शामिल करने को लेकर बिहार सरकार पर सियासी संकट की अटकलों और विपक्ष के दावों के बीच के बीच सीएम नीतीश कुमार सचिवालय पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों के साथ विकास के कामों की समीक्षा की और नए साल की योजनाओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने नए साल पर बिहार सरकार की डायरी और कैलेंडर का विमोचन भी किया। सीएम नीतीश ने नए साल पर बिहारवासियों को बधाई दी लेकिन विपक्ष के सवाल पर हंस कर जवाब नहीं दे रहे हैं।
सीएम ने ग्रामीण विकास, आरटीपीएस और परिवहन विभाग के कामों की समीक्षा की। सचिवालय से बाहर निकलते समय पत्रकारों से बातचीत में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में कोई सियासी संकट नहीं है और सरकार अपना काम बखूबी कर रही है। कहा कि उनके कामकाज करने का तरीका अलग रहा है। वह शासन के हर पहलू को पहले खुद देखते हैं और फिर आवश्यकता मुताबिक योजनाओं को क्रियान्वित करते हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग चुनौतियों के बारे में नहीं सोचते। हमारे लिए जनता का काम महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘पहले से हम यहां आते रहे हैं, कुछ साल से आना-जाना कम हो गया था। मेरे मन में बात आई, यहां से काम करें, तो आज से आना शुरू कर दिया। अब वह हफ्ते में कम से कम एक बार यहां आकर यहीं से काम करेंगे।
उधर, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर आज नए साल की खुशियों के साथ उनका जन्मदिन भी मनाया गया। इस मौके पर राबड़ी देवी ने बिहार की जनता को बधाई देते हुए भाजपा और जेडीयू के गठबंधन वाली सरकार पर तीखा हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध और अराजकता चरम पर है। नीतीश कुमार को महागठबंधन में फिर से शामिल किए जाने की सम्भावनाओं पर राबड़ी देवी ने कहा कि इस पर पार्टी अध्यक्ष और अन्य नेता विचार विमर्श करके तय करेंगे कि क्या करना है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जैसा अरुणाचल में किया वैसा बिहार में भी कर सकती है। भाजपा सब कुछ चुपचाप करती है। जब कर देती है तब पता चलता है।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के ट्वीटर हैंडल पर भी उनकी ओर से बिहारवासियों के लिए नववर्ष पर बधाई संदेश प्रसारित हुआ। इस संदेश में लिखा है- ‘नववर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं। नए साल में गरीबी, बेबसी, बेरोजगारी, बेकारी का नाश हो। सामाजिक-आर्थिक असमानता व ऊंच-नीच का भेद मिटे। प्रेम सौहार्द बढे़, सांप्रदायिक सद्भाव स्थापित हो, इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ आप सभी के स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कामना करता हूं।’
बिहार सरकार (Bihar Govt.) ने नए साल से एक दिन पहले यानी गुरुवार देर रात बड़े स्तर पर प्रशासनिक और पुलिस महकमे में फेरबदल किया। शुक्रवार को अधिकारियों के तबादले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को विपक्ष ने घेरा। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के दबाव में हैं। इसलिए उनको अपनों के तबादले भी करने पड़ रहे हैं।
15 साल से साथ रहे अफसर भाजपा अपने हिसाब से हटा रही है। अब सरकार में नीतीश कुमार की नहीं चल रही। उन्होंने यह बातें अपने आवास में शुक्रवार को संवाददाताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान साझा कीं। इस दौरान राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश पर कम, भाजपा पर ज्यादा आक्रामक रुख अपनाया।
कहा कि नीतीश कुमार को अब समझना चाहिए कि भाजपा उनके साथ घात कर रही है। दुनिया देख रही है कि भाजपा और जदयू कैसे लड़ रहे हैं। नीतीश हमारा साथ छोड़ कर गये थे। अब उनके साथ घात हो रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने दो टूक कहा कि भाजपा और जदयू के बीच लड़ाई चल रही है। इसकी कई वजहें हैं।
वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने आरोप लगाया है कि भाजपा किसी भी वक्त जदयू के साथ बिहार में भी विश्वासघात कर सकती है। जदयू के भविष्य को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को सावधान रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश की तरह बिहार में भी भाजपा जदयू को निगलने के लिए अपना कद बढ़ा रही है। आईएएस-आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग में भी भाजपा की रणनीति का साफ प्रभाव देखा जा सकता है। अरुणाचल प्रदेश में विश्वासघात करने के बाद भाजपा के किसी बड़े नेता ने अभी तक बिहार में जदयू के संदर्भ में कोई टिप्पणी नहीं की है।
हालांकि जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह कह रहे हैं कि लोग रात में सपना देखते हैं, लेकिन राबड़ी देवी दिन में ही सपना देखने लगी हैं। राबड़ी देवी और राजद के लोग सत्ता पाने के लिए इतने लालायित हैं कि कुछ भी बयान दे देते हैं जबकि दूर-दूर तक इसकी कोई संभावना नहीं दिखती है। यह असंभव के साथ नामुमकिन है। राजद के लोग अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करें, उनकी मनोकामना कभी पूरी नहीं होगी। संजय सिंह ने कहा कि जदयू एनडीए का हिस्सा है और एनडीए का हिस्सा रहेगा। जो मंसूबा पाल रहे हैं कि राजद से जदयू गठबंधन करेगा तो यह उनकी गलतफहमी है।