जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने मंगलवार को कहा कि दो टीमों ने बिजली जाने की जांच की और बताया है कि ऐसा मानवीय गलती के कारण हुआ था। उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया है कि यह साइबर हमला नहीं था। एक टीम ने बताया है कि साइबर हमला हुआ था लेकिन यह मुंबई ग्रिड के बंद होने से संबंधित नहीं था।
बता दें कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने राज्य के साइबर प्रकोष्ठ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को कहा था कि पिछले साल मुंबई में 12 अक्तूबर को बड़े पैमाने पर बिजली गुल होने की घटना का कारण साइबर हमला हो सकता है। राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने इसे विध्वंसक कृत्य करार दिया था।
सिंह ने कहा कि हमारे उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र के भार प्रेषण केंद्रों (लोड डिस्पैच सेंटर) पर साइबर हमले हुए थे लेकिन वह हमारे ऑपरेटिंग सिस्टम तक नहीं पहुंच पाए। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा, ‘महाराष्ट्र के गृह मंत्री (अनिल देशमुख) ने जानकारी दी है कि मुंबई में उनके एससीएडीए सिस्टम पर साइबर हमले हुए हैं।’
आरके सिंह ने कहा कि हमारे पास इस बात के सबूत नहीं हैं कि हम यह कह सकें कि ये साइबर हमले चीन या पाकिस्तान की ओर से करवाए गए थे। कुछ लोग कह रहे हैं कि इन हमलों के पीछे जो गिरोह है वह चीन का है, लेकिन हमारे पास यह साबित करने के लिए सबूत नहीं हैं। चीन निश्चित तौर पर इससे इनकार कर देगा।
अनिल देशमुख ने कहा था कि महाराष्ट्र साइबर प्रकोष्ठ ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि यह संभव है कि किसी विदेशी सर्वर से अज्ञात डाटा एमएसईबी (राज्य विद्युत बोर्ड) के सर्वर में ट्रांसफर किया गया। हालांकि, देशमुख ने उस देश का नाम नहीं बताया जहां से डाटा स्थानांतरित किया गया होगा।
उधर, भारत में चीन के दूतावास के प्रवर्ता ने इस संबंध में चीन के विदेश मंत्री के हवाले से बयान दिया है। चीन ने कहा है कि वह हर तरह के साइबर हमलों का दृढ़ता से विरोध करता है। साइबर हमलों के मामले में अंदेशा लगाने का कोई स्थान नहीं है। बिना सबूत के किसी पर आरोप लगाना बहुत ही लापरवाही भरा रवैया है।