अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हालात ज्यादा खराब होते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटों के दौरान 1,68,912 नए केस दर्ज किए गए हैं. इस बीच, खबर यह भी है कि कोरोना से बिगड़ते हालात को संभालने के लिए देश के कई राज्य अपने यहां पूर्ण लॉकडाउन लगाने की वकालत कर रहे हैं, तो कई राज्य लॉकडाउन की बजाए कड़ाई और दवाई के बूते स्थिति को संभालने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में देखा यह जा रहा है कि इस समय लॉकडाउन को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्री दो भागों में बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं. बजाज ऑटो लिमिटेड के एमडी राजीव बजाज ने कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन का विरोध किया है. उन्होंने इस मामले में अपने पुराने रुख को दोहराया है. बजाज ने कहा है कि भारत को कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन के अलावा अन्य समाधान पर भी विचार करना चाहिए.
कोरोना से महाराष्ट्र और दिल्ली की हालत ज्यादा खराब दिखाई दे रही है. हालांकि, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, गुजरात, बिहार, झारखंड, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की स्थिति भी अच्छी नहीं है. सोमवार को कोरोना के बढ़ते मामलों से हालात को संभालने के लिए महाराष्ट्र और दिल्ली में लॉकडाउन लगाने जैसे कड़े फैसले किए जा सकते हैं. इसके लिए उद्धव और केजरीवाल सरकार ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है.
सामना में छपे लेख में महाराष्ट्र की महाअघाड़ी के प्रमुख दल शिवसेना ने राज्य में लॉकडाउन लगाने की बात कही है. सरकार का कहना है कि राज्य में कोरोना से हालत तेजी से बिगड़ रही है और इस पर लॉकडाउन के जरिए ही काबू पाया जा सकता है. उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना के नए केस तेजी से बढ़ रहे हैं. हालत नवंबर जैसी पैदा हो गई है. अस्पतालों में बिस्तरों, वेंटिलेटरों आदि की कमी नहीं है, लेकिन स्थिति को संभालने के लिए लॉकडाउन लगाने का कदम उठाना पड़ सकता है.
उधर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात अपने यहां लॉकडाउन लगाने के पक्ष में दिखाई नहीं देते. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण बहुत तेज है. उन्होंने कहा कि आज लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं है. आज हमें जीवन के साथ जीविका को भी बचाना है. हमने तय किया है कि जिन जिलों में 500 से ज्यादा एक्टिव केस हैं, वहां रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा.
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी कहा कि हमारे यहां कोरोना की स्थिति फरवरी 2021 में खत्म होने के करीब थी, लेकिन मार्च की शुरुआत से ही यह तेजी से बढ़ने लगा. आज की स्थिति यह है कि राज्य में करीब 2500-3000 कोरोना के नए केस आ रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन लगाना समस्या का कोई हल नहीं है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनके यहां लॉकडाउन नहीं लगेगा. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी कहा है कि हम लॉकडाउन नहीं लगाएंगे.
बता दें कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,68,912 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,35,27,717 हो गई है. इस दौरान 904 लोगों की मौत हो गई है. इसके साथ ही, देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 12,01,009 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,21,56,529 है. अगर साप्ताहिक आधार पर देखें, तो अकेले उत्तर प्रदेश में इस समय रोजाना कोरोना के 3000 नए केस दर्ज किए जा रहे हैं. झारखंड इस समय 870 केस प्रतिदिन आ रहे हैं, जबकि बिहार में इस वक्त 732 केस रोजाना आ रहे हैं.
राजीव बजाज ने कहा है कि लॉकडाउन जैसी सख्ती से लोगों के जीवन यापन पर असर पड़ेगा और देश में गरीबी बढ़ेगी.
बजाज ऑटो लिमिटेड के एमडी राजीव बजाज ने कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन का विरोध किया है. उन्होंने इस मामले में अपने पुराने रुख को दोहराया है. बजाज ने कहा है कि भारत को कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन के अलावा अन्य समाधान पर भी विचार करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि एशिया के कुछ अन्य देश ने लॉकडाउन किए बिना कई कदम उठाए हैं जिससे उन्हें कोरोना संक्रमण रोकने में काफी मदद मिली है. राजीव बजाज ने ईटी नाउ से बात करते हुए कहा कि कोरोना के सेकंड वेव में जहां 95 फ़ीसदी केस बिना लक्षण या मामूली लक्षण के साथ आ रहे हैं, इन हालात में लॉकडाउन करने से कोई फायदा नहीं होगा.
महाराष्ट्र के कई इलाकों में वीकेंड कर वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू की घोषणा की गई है जिससे 13 करोड लोगों की आजीविका पर असर पड़ रहा है. राजीव बजाज ने कहा है कि लॉकडाउन जैसी सख्ती से लोगों के जीवन यापन पर असर पड़ेगा और देश में गरीबी बढ़ेगी.
पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च के आखिरी हफ्ते में देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था तब भी राजीव बजाज ने इसका विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां ठप हो जाएगी और इसका लोगों पर बड़ा असर देखने को मिलेगा.
उन्होंने कहा कि यदि कुछ राजनेताओं ने लॉकडाउन को ही हर समस्या का समाधान बना लिया है तो अब समय आ गया है जब उद्योग संगठनों को इसके खिलाफ बोलना चाहिए. उन्होंने कहा है कि सरकार के सामने उद्योग संगठनों को मूकदर्शक बने नहीं रहना चाहिए. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले पर भी सवाल उठाया है जिसमें कहा गया था कि वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू की मदद से उसे कोरोना संक्रमण के मामलों पर रोक लगाने में मदद मिल सकती है.
राजीव बजाज ने कहा है कि अगर सरकार कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए दोबारा लॉक डाउन करना चाहती है तो उसे लोगों की मदद के लिए भी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में अब हर्ड इम्युनिटी बढ़ रही है और इस वजह से कोरोनावायरस का सेकेंड वेब जल्द खत्म हो सकता है.
महाराष्ट्र सरकार वास्तव में अब पूर्ण लॉकडाउन लगाने की योजना पर काम कर रही है. राजीव बाजार ने कहा कि लॉकडाउन एक सिक्के की तरह है जिसके दो पहलू हैं. इसमें लोग घर में बंद हो जाते हैं तो लोगों को इस अवधि के लिए सरकार की तरफ से मदद की जानी चाहिए.