Janjivan Bureau / New Delhi : कोरोना कहर के बीच मोदी सरकार की वैक्सीन नीति खासकर 18 सालवाली नीति को लेकर कांग्रेस ने सवालिया निशान उठा दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्तमान टीकाकरण नीति में टीके की कमी और अन्य कमियों की समस्या को स्वीकार किया है, जबकि हम नीति में किए गए सकारात्मक बदलावों का स्वागत करते हैं, हम यह बताने के लिए विवश हैं कि संशोधित टीका नीति कई महत्वपूर्ण मामलों में प्रतिगामी और असमान है। इस बाबत पार्टी पांच आपत्तियों के तहत सवाल खड़ा किया है।
1 मई से अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती हैः माकन
पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि युवाओं के लिए खासतौर के ऊपर 45 वर्ष से कम युवाओं के लिए बहुत ही खराब स्थिति आगे होने वाली है और 1 मई को जब ये शुरु होगा तो हम सचेत करना चाहते हैं कि अराजकता जैसी स्थिति पैदा होगी। जब कम उम्र के युवा चाहेंगे कि उनको टीका लगे और प्राइवेट अस्पताल और प्राइवेट मनमानी कीमतें वसूल करेगा। तब किसी तरह की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
कांग्रेस की पांच आपत्तियां
1. संशोधित वैक्सीन नीति के तहत केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि लोग टीकाकरण की जिम्मेदारी और लागत वहन करेंगे, केंद्र सरकार ने गरीबों को टीकाकरण कार्यक्रम से बाहर कर दिया है, प्रवासी मजदूर जो दूसरे राज्यों में रहते हैं और काम करते हैं और हमारे शहरों की अर्थव्यवस्था की जीवनदायिनी हैं, इस निर्देश से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
2. राज्यों को वैक्सीन खरीदने की छूट दी गई है, लेकिन राज्यों के लिए एक मूल्य तय नहीं किया गया है, इससे केंद्र सरकार वैक्सीन के दाम और मुनाफाखोरी को बढ़ाने का रास्ता दे रही है। केंद्र के इस फैसले से सीमित संसाधनों वाले राज्य काफी नुकसान में रहेंगे, पहले से कई तरह के नुकसान झेल रहे राज्यों को यह अतिरिक्त बोझ उठाना होगा।
3. वैक्सीन नीति इस बात से इनकार करती है कि समस्या केवल उत्पादन की नहीं है, बल्कि टीकों के वित्तपोषण, खरीद और वितरण और राज्यों के साथ समन्वय की भी है. केंद्र सरकार पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के सुझाव को नजरअंदाज करते हुए संशोधित वैक्सीन नीति में उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्माताओं को धन मुहैया नहीं करा रही है।
4. संशोधित नीति अन्य घरेलू वैक्सीन निर्माताओं को स्वीकृत टीकों के निर्माण और कुल आपूर्ति में वृद्धि करने की अनुमति देने के लिए अनिवार्य लाइसेंस के लिए कानून में प्रावधानों को लागू नहीं करती है।
5. विदेशी निर्मित अनुमोदित टीकों के आयात की अनुमति देती है, लेकिन इस बात की कोई स्पष्टता नहीं है कि क्या कोई विदेशी निर्माता अपने टीके के निर्यात के लिए सहमत हुआ है और यदि ऐसा है, तो क्या पर्याप्त मात्रा में सहमति वाले शेड्यूल पर आपूर्ति करने का वादा किया गया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि केंद्र सरकार विदेशी निर्मित टीकों के आयात और उन्हें राज्यों में वितरित करने की पहल करेगी या नहीं।
बॉक्स-1
केंद्र सरकार की टीकाकरण की रणनीति भेदभाव वाली :राहुल
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की टीकाकरण की रणनीति भेदभाव वाली है और उसने कमजोर वर्गों के लिए टीके की कोई गारंटी नहीं दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘18 से 45 साल के आयुवर्ग के लोगों के लिए कोई मुफ्त नहीं टीका नहीं होगा. कीमतों पर नियंत्र किए बिना बिचौलियों को ला दिया गया। कमजोर वर्गों के लिए टीके की कोई गारंटी नहीं है।’