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JANJIVAN BUREAU / NEW DELHI : कोरोना कहर को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सीएम के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पीएम ने सभी राज्यों को केंद्र के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम एक राष्ट्र के तौर पर काम करेंगे तो संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत समेत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक पीएम ने कोविड-19 की ताजा लहर में सबसे अधिक प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के दौरान कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान संयुक्त प्रयासों और संयुक्त रणनीति से भारत ने संक्रमण से सफलता पाई थी और इसी सिद्धांत पर काम करते हुए ताजा लहर से भी मुकाबला किया जा सकता है। वायरस इस बार कई राज्यों के साथ ही टीयर-2 और टीयर-3 शहरों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने इस महामारी से लड़ाई के लिए साथ मिलकर काम करने और सामूहिक शक्ति से मुकाबला करने का आह्वान किया। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने राज्यों को इस लड़ाई में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों से लगातार संपर्क बनाए हुए है और वस्तुस्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है तथा साथ ही समय-समय पर उन्हें आवश्यक सलाह भी दे रहा है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में राज्यों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी आपूर्ति बढ़ाए जाने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाले ऑक्सीजन का भी चिकित्सीय ऑक्सीजन की जरूरतों के लिए उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों को भेजने और फिर उनकी वापसी में लगने वाले समय को कम करने के लिये रेलवे, वायुसेना की मदद ली जा रही है । प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से साथ मिलकर काम करने और दवाइयों तथा ऑक्सीजन संबंधित जरूरतों को को पूरा करने के लिए एक-दूसरे से सहयोग करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने राज्यों से ऑक्सीजन की जमाखोरी और कालाबाजारी पर नकेल कसने का आग्रह किया।
सनद रहे कि वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब देश में कोरोना महामारी लगातार भयावह रूप लेती जा रही है और कई राज्यों में बिस्तरों से लेकर ऑक्सीजन तक की कमी के मामले सामने आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक पीएम ने कोविड-19 की ताजा लहर में सबसे अधिक प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के दौरान कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान संयुक्त प्रयासों और संयुक्त रणनीति से भारत ने संक्रमण से सफलता पाई थी और इसी सिद्धांत पर काम करते हुए ताजा लहर से भी मुकाबला किया जा सकता है। वायरस इस बार कई राज्यों के साथ ही टीयर-2 और टीयर-3 शहरों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने इस महामारी से लड़ाई के लिए साथ मिलकर काम करने और सामूहिक शक्ति से मुकाबला करने का आह्वान किया। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने राज्यों को इस लड़ाई में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों से लगातार संपर्क बनाए हुए है और वस्तुस्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है तथा साथ ही समय-समय पर उन्हें आवश्यक सलाह भी दे रहा है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में राज्यों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी आपूर्ति बढ़ाए जाने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाले ऑक्सीजन का भी चिकित्सीय ऑक्सीजन की जरूरतों के लिए उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों को भेजने और फिर उनकी वापसी में लगने वाले समय को कम करने के लिये रेलवे, वायुसेना की मदद ली जा रही है । प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से साथ मिलकर काम करने और दवाइयों तथा ऑक्सीजन संबंधित जरूरतों को को पूरा करने के लिए एक-दूसरे से सहयोग करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने राज्यों से ऑक्सीजन की जमाखोरी और कालाबाजारी पर नकेल कसने का आग्रह किया।
सनद रहे कि वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब देश में कोरोना महामारी लगातार भयावह रूप लेती जा रही है और कई राज्यों में बिस्तरों से लेकर ऑक्सीजन तक की कमी के मामले सामने आ रहे हैं।