जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। देश की मौजूदा कोविड -19 महामारी की स्थिति के बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि प्रणाली विफल नहीं हुई है क्योंकि भारत के पास कई ताकत और संसाधन हैं। सोनिया गांधी ने वर्चुअल कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा कि मोदी सरकार उन संसाधनों को रचनात्मक रूप से प्रसारित करने में विफल रही है। चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हाल ही में आए चुनावों के परिणामों पर सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति चुनाव परिणाम का विश्लेषण करेगी।
कोरोना के हालात पर चर्चा के लिए हुई कांग्रेस सांसदों की डिजिटल बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य संबंधी संसद की स्थायी समिति की बैठक बुलाई जाए ताकि महामारी से बेहतर ढंग से निपटने के लिए कदम उठाना और जवाबदेही तय करना सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा, ‘देश एक अप्रत्याशित स्थिति का सामना कर रहा है. हजारों लोगों की मौत हो गई है और लाखों लोग बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘मोदी सरकार क्या कर रही है? लोगों की पीड़ा और दर्द को कम करने की बजाय उसने जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से पल्ला झाड़ लिया है।
प्रधानमंत्री ने अंहकार के साथ ऐलान किया
सोनिया के मुताबिक सरकार के खुद के विशेषाधिकार समूह और राष्ट्रीय कार्य बल ने मोदी सरकार को आगाह किया था कि कोरोना की दूसरी लहर आएगी और इसके लिए तैयारी करने का भी आग्रह किया था। इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने इस साल अंहकार के साथ ऐलान कर दिया कि उन्होंने कोरोना महामारी पर जीत हासिल कर ली है तथा उनकी पार्टी ने इस तथाकथित सफलता के लिए उन्हें सम्मानित भी किया। कोविड का संकट ‘सरकार बनाम हम’ की लड़ाई नहीं है, ‘बल्कि हम बनाम कोरोना’ है। हम एक राष्ट्र के तौर पर इस लड़ाई को लड़ना होगा. मेरा मानना है कि मोदी सरकार को कोविड के हालात को लेकर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
मोदी सरकार की गैरबराबरी वाली टीकाकरण नीति
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की गैरबराबरी वाली टीकाकरण नीति के कारण करोड़ों दलित, आदिवासी, ओबीसी, गरीब और कमजोर लोग टीके से उपेक्षित रह जाएंगे। उन्होंने कांग्रेस सांसदों से कहा कि आपको पता है कि संसद ने कोरोना के मुफ्त टीकाकरण के लिए 35000 रुपए का प्रावधान किया, लेकिन मोदी सरकार इसका बोझ भी राज्य सरकारों पर पर डाल रही है। उसने टीकों की अलग अलग कीमत को मंजूर दी है तथा टीकों का निर्माण बढ़ाने के लिए जरूरी लाइसेंस भी नहीं दिए। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि व्यवस्था विफल नहीं हुई है।