जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली ।
कांग्रेस कार्यसमिति ने केंद्र की मोदी सरकार की वैक्सीनेशन नीति की कड़ी आलोचना की है। सोमवार को आयोजित बैठक में कहा गया कि प्राइसिंग पॉलिसी है, वो अपने आप में भेदभाव पूर्ण भी है, त्रुटिपूर्ण भी है और कहीं ना कहीं उसमें से एक भिन्न-भिन्न एक वैक्सीन और तीन-तीन कीमतों के चलते भेदभाव की उसमें से बू आती है।
सोनिया गांधी ने कहा कोरोना से जिस प्रकार से जान-माल का नुकसान हो रहा है और जिस प्रकार से ये सरकार अपराधिक तौर से निष्क्रिय है और मोदी सरकार ने पूरे देश को राम भरोसे छोड़ दिया है। उस पर एक व्यापक प्रस्ताव चर्चा के बाद कांग्रेस कार्यसमिति ने पारित किया। कांग्रेस कार्यसमिति ने पांच राज्यों में जो चुनाव हुए हैं, वहाँ पर आशा के विपरीत जो कांग्रेस पार्टी की स्थिति रही, उस पर चर्चा रही, खासतौर से इस परिपेक्ष में जो कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने आज कहा।
तीसरा, कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी ने एक इलेक्शन शेड्यूल कांग्रेस प्रेजिडेंट को दिया था, जो उनके आदेश के अनुसार प्रभारी संगठन महासचिव जी ने पढ़कर कांग्रेस कार्यसमिति के सामने रखा। मैं बहुत संक्षिप्त में आपसे जो दो प्रस्ताव पारित किए गए हैं, उनकी चर्चा करुंगा।
कोविड 19 के ऊपर जो प्रस्ताव है, कांग्रेस कार्यसमिति ने कोरोना की अप्रत्याशित त्रासदी, जो पूरे देश के ऊपर आई है, उसको लेकर अपनी गहन चिंता जाहिर की। कांग्रेस कार्यसमिति ने ये भी कहा कि कोरोना की जो दूसरी वेव है, ये अब एक अत्यंत गंभीर आपदा का रुप धारण कर चुकी है और ये मोदी सरकार की नाकामी, निक्कमेपन और नाकारापन का सबूत है। ये इस बात का भी सबूत है कि मोदी सरकार ने लगातार वैज्ञानिक सोच और वैज्ञानिकों की सलाह पर काम करने से इंकार कर दिया। यहाँ तक कि किसी पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट की राय नहीं मानी और जब संसद की समिति ने भी आगाह किया नवंबर, 2020 में, तो उस रिपोर्ट को भी पूरी तरह से कूड़ेदान के अंदर फेंक दिया था।
कांग्रेस कार्यसमिति ने मोदी सरकार की जो टीकाकरण नीति है, त्रुटिपूर्ण, उस पर गहन चिंता जताई। खासतौर से जो वैक्सीन की सप्लाई है, कोरोना के टीके की जो सप्लाई है, वो इस समय प्रांतों को मिल ही नहीं रही। ये बार-बार कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों ने कहा भी और जो वैक्सीन की प्राइसिंग पॉलिसी है, वो अपने आप में भेदभाव पूर्ण भी है, त्रुटिपूर्ण भी है और कहीं ना कहीं उसमें से एक भिन्न-भिन्न एक वैक्सीन और तीन-तीन कीमतों के चलते भेदभाव की उसमें से बू आती है।
कांग्रेस कार्यसमिति ने खासतौर से चिंता जाहिर की कि 18 से 44 साल की भारत की युवा आबादी को कोरोना निरोधक टीका लगाने की जिम्मेदारी से भारत सरकार ने अपना पीछा छुड़वा लिया है और इसका सारा आर्थिक बोझ अब प्रांतों के ऊपर जबरन लाद दिया गया है। खासतौर से कोरोना के टीके में अब आप जाकर उसे नहीं लगवा सकते, जो पहले रजिस्टर करवाने की प्रक्रिया है। इससे करोड़ों-करोड़ों देश के गरीबों को इंटरनेट एक्सेस नहीं। उनको कोरोना निरोधक टीकाकरण से वंचित करने का काम ये सरकार कर रही है। क्यों ऐसा नहीं हो सकता कि कोई भी जाए और कोरोना का टीका लगवा ले?
कांग्रेस कार्यसमिति ने डॉ. मनमोहन सिंह जी के अप्रैल 17, 2021 के पत्र का संज्ञान लेते हुए दोबारा ये बताया कि उन्होंने 5 रचनात्मक सुझाव कांग्रेस पार्टी की ओर से कांग्रेस कार्यसमिति की पिछली बैठक के बाद दिए थे। उन पर विचार करना तो दूर, उन पर जो अहंकारी और अपमानजनक रवैया सरकार ने अपनाया, मोदी सरकार ने, वो अपने आप में निंदनीय है।
कांग्रेस कार्यसमिति ने ये चिंता भी व्यक्त की कि पिछली कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग के बाद अब ये सार्वजनिक तौर से रिपोर्ट आई हैं कि कोरोना का पैंडेमिक बड़े गहन तरीके से ग्रामीण क्षेत्र में दुष्प्रभाव कर रहा है। ग्रामीण आंचल के अंदर मोदी सरकार ने ना आरटीपीसीआर टेस्टिंग, ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना बेड इत्यादि का इंतजाम किया, जिससे बड़ी संख्या में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से मौतें हो रही हैं। ना कोई दवाई उपलब्ध है, ना Remdesivir – Ivermectin – Tocilizumab आदि का इंजेक्शन भी इस समय पूरे देश के अंदर उपलब्ध है। इस बारे में कांग्रेस कार्यसमिति ने चिंता व्यक्त की।
कांग्रेस कार्यसमिति ने ये भी नोट किया कि ऑक्सीजन हिंदुस्तान के अंदर सफिशिएंट क्वांटिटी में प्रोड्यूस होती है। इसी प्रकार से हम रेमडेसिविर और आइवरमेक्टिन का इंजेक्शन और वैक्सीन ये भी हम हिंदुस्तान के अंदर ही बनाते। पर इन सबके बावजूद भी इनकी सप्लाई और ना होना और स्कारसिटी (scarcity) होना, ये मोदी सरकार की विफलता का जीता – जागता प्रमाण है।
कांग्रेस कार्यसमिति ने भी गहन चिंता की कि कोरोना से होने वाली मौतों के आंकडे को सामने रखने की बजाए सरकार उस पूरे आंकड़े को छुपाने का एक कुत्सित प्रयास कर रही है। कांग्रेस कार्यसमिति ने कहा कि आज इस चुनौतीपूर्ण माहौल में आंकड़ों को दबाना, छुपाना या फिर शमशान घाट के चारों तरफ दीवार बनाना हल नहीं। हल ये है कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचा सकें और सारे आंकड़े सच्चाई से जनता के सामने रख सकें।
कांग्रेस कार्यसमिति ने जिस प्रकार से एक अहंकारी तौर से देश की महत्वपूर्ण रिसोर्सेज को प्रधानमंत्री अपने पर्सनल वैनिटी प्रोजेक्ट यानी प्रधानमंत्री निवास, मंत्रियों का कार्यालय और नई संसद बनाने पर लगा रहे हैं, बजाए इसके कि उसे अस्पताल, दवाई, ऑक्सीजन में वो पैसा लगाया जाए, इसकी कड़े शब्दों में निंदा की और ये कहा कि ये जनता के पैसे और सरकार के खजाने की क्रिमिनल वेस्ट ऑफ मनी है।
कांग्रेस कार्यसमिति ने ये भी कहा कि वो अंतर्राष्ट्रीय कम्यूनिटी ने जिस प्रकार से इस मुसीबत में भारत की मदद की है, उसके लिए हम धन्यवाद करते हैं। पर इस पूरी मदद के अब कई-कई दिनों से ना इसका प्रोपर वितरण हो रहा और ना ही इसमें ट्रांसपेरेंसी है। इस तरफ भी कदम उठाए जाएं।
आखिर में कांग्रेस कार्यसमिति ने ये कहा कि राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय संकल्प से ही कोरोना महामारी से लड़ा जा सकता है, बिल्कुल एकजुट होकर। इसके लिए प्रधानमंत्री को अपनी गलती स्वीकार कर नए सिरे से कोरोना से लड़ने के लिए खुद को और अपनी सरकार को डेडिकेट करना होगा। कांग्रेस पार्टी कोरोना-19 पैंडेमिक में हर प्रकार के रचनात्मक कदम में, जो सरकार उठाएगी, उसके साथ सदैव खड़ी रहेगी।
दूसरे प्रस्ताव के बारे में आपसे पहले ही श्री केसी वेणुगोपाल जी चर्चा कर चुके हैं। वो प्रस्ताव बहुत संक्षिप्त है। उसकी कॉपी हम आपको भेज रहे हैं, पढ़कर उन्होंने सुनाई। उसका सार केवल ये है कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने एक इलेक्शन शेड्यूल कांग्रेस अध्यक्षा जी के माध्यम से और संगठन महासचिव के माध्यम से कांग्रेस कार्यसमिति के समक्ष रखा। जिस प्रकार की पूरे देश में इमरजेंसी कंडीशन हैं, लोग मर रहे हैं, ऑक्सीजन, दवा और बेड उपलब्ध नहीं है और कोरोना महामारी का प्रकोप चारों ओर है। ऐसे हालात में कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्यों ने एक स्वर से ये कहा कि आज जरुरत है कि हम सब सिर और ताकत जोड़कर, ताकत लगाकर एक-एक जिंदगी बचाएं और कोरोना की महामारी से लड़ें। इसलिए कांग्रेस कार्यसमिति ने एक स्वर से एवं एक मत से बहुत थोड़े समय के लिए टेंपरेरी डिफेरमेंट जो है इलेक्शन की, उसकी सिफारिश की और उसका प्रस्ताव पारित किया।
बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल व रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा युवा कांग्रेस, कांग्रेस पार्टी का एक अभिन्न हिस्सा है। मुझे गर्व है कि मैं भी एक समय में भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष रहा हूं और हमारे वरिष्ठ साथी और महासचिव भी भारतीय युवा कांग्रेस से निकल कर आए हैं। भारतीय युवा कांग्रेस राहुल गांधी के आह्वान पर श्रीनिवास जी ने ये पूरा कैंपेन चलाया है। कांग्रेस पार्टी ने आगे बढ़कर खासकर से श्री केसी वेणुगोपाल जी ने क्योंकि वो भी इस संगठन से निकले हैं और वो संगठन महासचिव हैं। आगे बढ़कर हर संभव मदद की। हमने उनको अपना चेहरा बनाकर क्योंकि सबसे ज्यादा साथी युवा कांग्रेस के आगे बढ़कर काम कर रहे थे, कांग्रेस ने उनको अपना चेहरा बनाकर ये काम किया है। मैं आपकी जानकारी के लिए बताऊं कि अगर आप हर प्रदेश में जाएंगी, तो हर प्रदेश के अंदर बाकायदा एक कंट्रोल रुम काम कर रहा है, हेल्प लाइन काम कर रही हैं, उसे श्री केसी वेणुगोपाल जी लगातार मॉनिटर करते हैं। एक नेशनल कंट्रोल रुम श्रीमती सोनिया गांधी के आदेश पर हमने बनाया हुआ है। हर कंट्रोल रुम के पास अगर आप जाएंगे, बाकायदा एंबुलेंस व्यवस्था, ऑक्सीजन की व्यवस्था, जहाँ तक हो सके दवाई की व्यवस्था, इन सबका इंतजाम भी हमने किया। यही नहीं, इन सबके साथ-साथ आप ये भी पाएंगे कि पीपीई किट, हैंड सैनिटाइजर और सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन कांग्रेस के साथी एक-एक जिले में जाकर उनका वितरण कर रहे हैं। आप ये कहीं नहीं पाएंगे कि कांग्रेस का कार्यकर्ता घर बैठा है। कोरोना 19 के इंफेक्शन को लेकर भी हम सब अपने-अपने तरीके से सेवा में लगे हैं। अगर कोई नदारद है, तो वो मोदी सरकार नदारद है। अगर किसी की गुमशुदगी की पर्चे लगे हैं, तो वो मोदी जी के और उनकी सरकार की गुमशुदगी के पर्चे लगे हैं। कांग्रेस कर रही है सेवा और भाजपा खा रही है सत्ता का मेवा।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि प्रियांका जी ने भी और वर्किंग कमेटी के सब साथियों ने इस बात को रिएंफेसाइज किया और मैं आपका ध्यान हमारे प्रस्ताव के लास्ट लाइन की तरफ दोबारा आकर्षित करुंगा। प्रियांका जी सहित सबने एक स्वर से ये कहा कि कांग्रेस के साथियों को और ज्यादा मेहनत करनी है। महामारी की परवाह किए बगैर एक-एक जिंदगी को बचाना है, एक-एक साथी तक पहुंचना है। जहाँ भोजन की जरुरत हो, भोजन पहुंचाना है, यथासंभव ऑक्सीजन के सिलेंडर की मदद करनी है, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मदद करनी है, रेमडेसिविर और आइवरमेक्टिन की मदद करनी है। अगर और किसी दवाई की जरुरत है तो उसकी मदद करनी है। पीपीई किट, सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन और हैंड सैनिटाइजर की मदद करनी है और जहाँ-जहाँ हो सके फ्री एंबुलेंस सेवा चलानी है। मुंबई में हम ये चला रहे हैं, बैंगलोर मे हम ये चला रहे हैं, चंडीगढ़ के अंदर हम ये चला रहे हैं। मेरा आपसे अनुरोध है कि आज तक के साथियों को बोलिए कि एक-एक हमारे कंट्रोल रुम में जाएं प्रदेश के और बाकायदा उसको रिपोर्ट करें, इससे जनसेवा में दूसरे दलों को भागीदारी में साहस मिलेगा।
एक अन्य प्रश्न पर कि तीन राज्यों, केरल, पश्चिम बंगाल और असम के जो प्रभारी हैं, उन्होंने हार पर क्या कहा? श्री सुरजेवाला ने कहा कि तीनों राज्यों के प्रभारी ने, बल्कि पांचों राज्यों के प्रभारियों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट, अपने-अपने तजुर्बे, अपने-अपने, वहाँ हम क्या अच्छा कर पाए, क्या हमारी कमियां रहीं, कहाँ कमियां रही, ये सारी कांग्रेस कार्यसमिति के साथ साझे किए। कांग्रेस कार्यसमिति के साथ जो उन्होंने एक्सपीरियंस साझा किया, वो मुझे माफ करेंगे, हर टिप्पणी जो उन्होंने की या हर रिमार्क कहा, वो मैं आपसे सार्वजनिक तौर पर आपको यहाँ नहीं कह सकता, क्योंकि कुछ बातें हैं जो कांग्रेस की आंतरिक चर्चा का मामला है। जो ग्रुप कांग्रेस अध्यक्षा जी ने बनाने का निर्णय किया है, वो जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट कांग्रेस कार्यसमिति को देगा, क्योंकि वो पांचों राज्यों के केवल प्रभारियों से नहीं, केवल पीसीसी प्रेसिडेंट या विपक्ष के नेताओं से नहीं, वो कांग्रेस के आम कार्यकर्ता से, कांग्रेस के उम्मीदवारों से बात करेंगे, पूरा जायजा लेंगे। हर पक्ष पर जायजा लेंगे और बहुत जल्द कांग्रेस कार्यसमिति को और कांग्रेस अध्यक्षा को कार्यवाही बारे और दुरुस्ती बारे रिपोर्ट देंगे। जो मैंने आपको कहा था, 8 दिन के अंदर हमने उसका क्रियान्वयन किया है और ये ग्रूप अगले 48 घंटे में जैसा केसी वेणुगोपाल जी ने कहा, इसको हम कॉस्टीट्यूट कर देंगे और बहुत जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट आ जाएगी।
एक अन्य प्रश्न पर कि कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग में कई सारे नेताओं ने इस बात को लेकर आपत्ति जताई कि पश्चिम बंगाल और असम में अलायंस करना कांग्रेस के लिए नुकसानदेह रहा है, इस पर क्या कहेंगे? श्री सुरजेवाला ने कहा कि पहले तो ये बात सही नहीं। फिर भी मैं आपको ये बताऊं अगर इन प्रदेशों में बंगाल में या असम में किसी नेता को इस बारे में किसी प्रकार का रिजर्वेशन होगी, तो हम खुले मन से वो बात सुनेंगे और अगर मैंने जैसे पहले भी कहा, जैसे वेणुगोपाल जी ने आज कहा, जैसे श्रीमती सोनिया गांधी ने अपने रिमार्क में कहा, हम जहाँ हमारी कमी होगी, उसे दुरुस्त करेंगे, कोर्स करेक्शन करेंगे और जहाँ-जहाँ कोर्स करेक्शन में किसी व्यक्ति ने अगर कोई गलती की है या किसी और चीज की दुरुस्ती की जरुरत है, तो हम उसमें सुधार भी करेंगे।
एक अन्य प्रश्न पर कि 5 राज्यों के चुनावों के बाद क्या इस बार अकाउंटेबिलिटी तय की जाएगी? श्री सुरजेवाला ने कहा कि मैं ये कहना चाहूंगा आप सबको, जब हमने वो बयान जारी किया, चुनाव में निराशाजनक नतीजों के बाद, तो ये साफ था कि कांग्रेस खुलेमन से भूल सुधारने, कोर्स करेक्शन के लिए तैयार है और इसीलिए श्रीमती सोनिया गांधी ने ये कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई। आप अगर उनके रिमार्क को ध्यान से पढें, जो आज उन्होंने कहा और जो उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में भी पिछले 24 घंटे में कहा, तो ये साफ है कि जिम्मेदारी का निर्वहन, गलतियों को ठीक करना, जनता का मन जीतना और कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों पर कटिबद्धता से आगे चल, ये 4 जो हैं, निश्चय हमने किए हैं और इसी निश्चयों के साथ और इन्ही निश्चयों के चलते कांग्रेस अध्यक्षा जी भी एक ग्रूप बनाने का निर्णय किया है, जैसे वेणु गोपाल जी ने कहा। वो ग्रूप अगले 48 घंटे में कांस्टीट्यूट हो जाएगा और बहुत जल्दी रिपोर्ट आएगी। ग्रूप की जो भी सिफारिशें होंगी, नेचुरली पूरी कांग्रेस कार्यसमिति पांच प्रांतों में नहीं जा सकती, तो एक छोटा ग्रूप जाएगा और जो उसकी सिफारिशें होंगी, उन सिफारिशों पर कांग्रेस की अध्यक्षा जी और कांग्रेस की कार्यसमिति फौरन कार्यवाही करेगी। ये भी सही है कि हमारा बंगाल में जो प्रदर्शन रहा है, वो काफी निराशाजनक है। मुझे आज भी ये विश्वास है कि जो बंगाल में अगर कांग्रेसलैस विधानसभा है, तो ये बंगाल के विधानसभा और बंगाल की पॉलिटी के लिए सही नहीं है। क्योंकि कांग्रेस की सदा एक रचनात्मक, क्रियात्मक भूमिका बंगाल की माटी से जुड़ी हुई रही है और आगे भी रहेगी। हम चाहें विधानसभा में ना हों, पर साथियों मैं एक बात विश्वास से कह सकता हूं कि हम चुनाव हारें हैं, हम हिम्मत नहीं हारे हैं। हम दोबारा से जमीन पर जाकर अपनी गलतियों को सुधारकर बंगाल की माटी से पुन: अपने आपको जोड़कर, बंगाल से जो हमारा दशकों पुराना आजादी से पहले का रिश्ता है, उस रिश्ते की तारों में अगर कही चोट आई या टूट गए, तो उन्हें पुर्न: जोड़कर नए सिरे से बंगाल की तरक्की के लिए एक प्रहरी के तौर पर काम करेंगे। जहाँ तक सवाल है अधीर रंजन चौधरी जी का कि वो हमारे लोकसभा में लीडर थे और अभी भी हैं, इसमें कोई दो राय का प्रश्न पैदा नहीं होता।
आगे क्या होगा, क्या निर्णय होगा, इसका निर्णय आज मैं नहीं कर सकता। कांग्रेस की उस ग्रूप की जो सोनिया गांधी जी निर्धारित करेंगे, रिपोर्ट आने दीजिए, उसके बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जी बताएंगे उसके बारे में।