अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । कोरोना काल में जहां लोग आर्थिक मंदी की मार झेल रहे हैं वहीं केंद्र सरकार दवाओं व चिकित्सा उपकरणों पर सोशल वेलफेयर सरचार्ज लगाने जा रही है। इस सरचार्ज की मार कोरोना मरीज के साथ साथ अन्य लोगों पर भी पड़ेगी। पंजाब सरकार के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि केंद्र सरकार सोशल वेलफेयर सरचार्ज और अन्य सभी तरह के टैक्स को समाप्त करे ताकि जीवनरक्षक दवाओं व उपकरण Zero % टैक्स की श्रेणी में आ सके।
उनका कहना है कि बहुत सारे जो इक्विपमेंट, ड्रग्स पर 20 प्रतिशत तो बेसिक कस्टम ड्यूटी चार्ज हो रही है। 18 प्रतिशत फिर उस पर जीएसटी लग रही है, और उसके ऊपर करीब 10 प्रतिशत का सोशल वेलफेयर का सरचार्ज लगेगा। आज जब हिंदुस्तान एक हालात-ए जंग में है, तो इस किस्म का जो टैक्सेशन है उसे zero tax केंद्र सरकार को करनी चाहिए।
मनप्रीत बादल का कहना है एडहोकिज्म सिस्टम को बंद करनी चाहिए। दवा जीवन रक्षक है। मरीज की जान बचाने के लिए लोग इसे खरीदते हैं। इसलिए केंद्र सरकार दवाओं पर सभी तरह के टैक्स को समाप्त कर शुन्य टैक्स की श्रेणी में लाए।
महामारी के समय एंबुलेंस, बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, दवाइयों, वैक्सीन के लिए परेशान हुए लोगों से कोविड संबंधित उत्पादों पर GST वसूलना निर्दयता व असंवेदनशीलता है।
आज GST काउंसिल में सरकार को कोविड से लड़ाई में इस्तेमाल हो रही सभी जीवनरक्षक दवाइयों व उपकरणों पर से GST हटाना चाहिए। pic.twitter.com/nSN3lVZi8t
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 28, 2021
राज्यों पर पड़ने वाले वैक्सीन और वैक्सीनेशन की भारी राशि के भार के सवाल पर बादल कहते हैं जब मार्च महीने में बजट पेश किया गया था तब वहमो-गुमान में भी नहीं था कि वैक्सीन स्टेट को खरीदनी पड़ेगी और अगर स्टेट को खरीदनी पड़ती है, अगर हम 1 करोड़ वैक्सीन खरीदेंगे और 1,000 रुपए की ये वैक्सीन बता रहे हैं, तो 1,000 करोड़ रुपए तो हमें अपने बजट से देना पड़ेगा। अब 1,000 करोड़ रुपए हम कहाँ से लाएंगे, obviously जो हमारा पंजाब का 14 हजार करोड़ का हमारा कैपिटल आउटले है,तो वो कैपिटल आउटले में फिर 1,000 करोड़ रुपए का कट लगाएंगे। वैक्सीन मैनुफेक्चरर्स पंजाब या किसी भी राज्यों को वैक्सीन देने के लिए तैयार नहीं है। विदेशी कंपनियों का कहना है कि वह राज्य सरकारों से करार नहीं कर सकती। वह सिर्फ भारत सरकार से इस तरह का करार कर सकती है।
उनका कहना है कि अब वैक्सीन जो है, वो किसी भी कीमत पर स्टेट को बेचने के लिए तैयार नहीं है। पैसे की वजह से हम इस बीमारी को बढ़ने नहीं देना चाहते और मुझे लगता है कि वैक्सीन हमें मिल जाए, तो ये बीमारी दम तोड़ जाएगी। पर वैक्सीन की अवेलेबिलिटी में देरी हो गई है,गवर्मेंट ऑफ इंडिया को ये ऑर्डर पहले दे देने चाहिए थे।