जनजीवन ब्यूरो / रांची । कोरोना काल में झारखंड का मजा लूट रहे राजनेताओं की पोल खुल रही है. बाहरी लोग झारखंड से लोकसभा और राज्यसभा तो आसानी से पहुंच जाते हैं लेकिन झारखंडियो के लिए कुछ भी नही सोचते हैं. ताजा मामला केंद्रीय मुख्तार अब्बास नकवी को लेकर सामने आया है .JMM के कराये सर्वें में 86.4 फीसदी लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. इन लोगों ने कहा है कोरोना काल में झारखंडी सांसद किसी को मदद नहीं पहुंचाए हैं.
2016 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है. मामले को लेकर कानूनी प्रक्रिया फिर से रेस पकड़ी है. उस वक्त के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के दोनों उम्मीदवार मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार विजयी हुए थे. वहीं जेएमएम प्रत्याशी बसंत सोरेन दूसरी वरीयता के वोट के आधार पर हारे थे. अब इन्हीं बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी की कार्यशैली को लेकर सत्तारूढ़ जेएमएम ने सवाल खड़ा किया है. पार्टी ने झारखंडियों के हित में उनके कार्यों को लेकर सोशल मीडिया ट्विटर पर एक सर्वे किया है.
जेएमएम ने कहा है कि क्या किसी ने झारखंड से राज्यसभा सांसद मुख़्तार अब्बास नकवी जी को झारखंड एवं झारखंडियों की मदद करते देखा या सुना है? करीब 86.4 प्रतिशत लोगों का कहना है कि नहीं. वहीं 13.6 प्रतिशत लोगों का कहना है कि सांसद ने काम किया है.
बता दें कि राज्यसभा सांसद बनने के बाद से मुख्तार अब्बास नकवी की सांसद निधि फंड से रांची नगर निगम की ओर से शहर के 8 पार्कों में ओपन जिम बनाया जा रहा है. यह जिम मोरहाबादी मैदान स्थित चिल्ड्रन पार्क, रामदयाल मुंडा पार्क और निगम पार्क में लगाया जाना है. मेयर आशा लकड़ा का कहना है कि शहरवासियों को पार्कों में ओपन जिम की सुविधा मिलेगी.