जनजीवन ब्यूरो/ नई दिल्ली। 12वीं के छात्रों के लिए आज का दिन बेहद ही खुश होने वाला रहा. बिना परीक्षा दिए ही छात्र पास हो गए. हां परीक्षा में अंक कितने आएंगे इसके लिए रणनीति बनाई जाएगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक बैठक में सीबीएसई की 12वीं परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया गया है. बोर्ड की ओर से इस साल क्लास 12वीं परीक्षा आयोजित नहीं करवाई जाएगी. वहीं रिजल्ट फॉर्मूला पर अब भी सस्पेंस बरकरार है.
कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद काउंसिल फॉर द इंडियन सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ( सीआईएससीई ) ने भी अपनी 12वीं कक्षा (आईएससी) की परीक्षा रद्द कर दी है.
सीआईएससीई इससे पहले 10वीं की परीक्षा भी रद्द कर चुका है. 10वीं के छात्रों का रिजल्ट इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा.
बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोरोनावायरस सिचुएशन को देखते हुए पीएम मोदी ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया है. अगर इसके बावजूद पिछले साल की तरह यदि कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा.
रिजल्ट फॉर्मूला पर सस्पेंस बरकरार- वहीं सीबीएसई बोर्ड इस साल रिजल्ट किस फॉर्मूले के आधार पर जारी करेगी, इसपर सस्पेंस बरकरार है. पिछले साल कुछ पेपर हो गए थे, जिस वजह से बोर्ड को रिजल्ट जारी करने में परेशानी नहीं हुई थी. वहीं इस साल एक भी परीक्षा नहीं लिया गया है, जिसके कारण लोगों के मन में भी सवाल उठ रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में सौंपनी है रिपोर्ट
बताते चलें कि सीबीएसई बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट में भी रिपोर्ट सौंपनी है. दरअसल, कोर्ट में सीबीएसई एग्जाम को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसपर कोर्ट ने सरकार से 3 जून तक रिपोर्ट मांगी है.
सरकार के अधिकारी ने कहा कि कोरोना (COVID-19) ने अकेडमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मामला छात्रों, शिक्षकों और पैरेंट्स भारी चिंता पैदा कर रहा था जिसे खत्म किया जाना जरूरी था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी की स्थिति पूरे देश में एक बहुआयामी और व्यापक स्थिति है. हालांकि कोरोना के मामलों के नंबर लगातार कम हो रहे हैं. कुछ राज्य इसे प्रभावी ढंग से माइक्रो-कैंटेनमेंट हैंडल कर रहे हैं तो कुछ राज्य अभी भी लॉकडाउन का विकल्प ले रहे हैं. छात्र, शिक्षक और अभिभावक प्राकृतिक रूप से अपनी सेहत को लेकर चिंतित थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों पर ऐसी स्थिति में परीक्षाएं देने दबाव डालना नहीं होना चाहिए.
सरकार के इस फैसले से सीबीएसई कक्षा 12 की परीक्षा देने जा रहे करीब 12 लाख और आईसीएससीई के 4 लाख छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी. यानी इस साल 12वीं के करीब 16 लाख छात्र बिना परीक्षा दिए पास हो सकेंगे.