जनजीवन ब्यूरो / मधुबनी । मिथिला के प्रसिद्ध गाँव “सरिसब पाही” ने कोविड संकट काल में अपने अनोख़े पहल से नायाब उदाहरण पेश किया है।
मधुबनी जिला के पंडौल प्रखंड के सरिसब-पाही गांव के स्थानीय युवाओं ने अपने ही क्षेत्र के महानगरों में रहनेवाले लोगों के सहयोग से कोविड संक्रमित मरीजों के प्राथमिक इलाज के लिए “आत्मनिर्भर केंद ” का गठन किया है। युवाओं के इस नेक पहल को बुद्धिजीवियों ने “गांव जागे तो देश जागे” को अद्वितीय कदम बताया है।
ग्राम पंचायत के एक “बाढ़ राहत भवन” में कोविड सुरक्षा सह तत्काल प्राथमिक सहायता केंद विकसित किया है। समाज के प्रबुद्ध लोगों की उपस्थिति में इस केंद्र का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस कोविड सेंटर में तत्काल सभी आवश्यक उपकरण, 4 ऑक्सीजन कॉनसेंट्रएटर , ऑक्सीमीटर, डिजिटल टेम्प्रेचर स्कैन्नर, पी॰पी॰ई॰ कीट, मास्क व ज़रूरी दवाइयां संग्रह की गई है। स्थानीय अयाची युवा संगठन के द्वारा कोविड काल में ग्रामीणों में फ़र्स्ट एंड सलाह के साथ साथ अन्य सेवा उपलब्ध करना ही मुख्य उद्देश्य है।
इलाके के बहुत सारे चिकित्सक जो देश ही नहीं विदेश में कार्यरत है इस पहल के लिए निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श दे रहें है।इस पहल के लिये कुछ बुद्धिजीवियों ने इलाके के कोविड संक्रमित मरीजों को तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक खाका तैयार किया और सरिसबपाही के मुखिया रामबहादुर चौधरी ने विक्की मंडल के साथ साथ अन्य युवाओं के सराहनीय प्रयास से ज़मीनी स्तर पर इस मुहीम क़ो गति प्रदान किया है।
ग्रामीण क्षेत्र में कोविड केयर सेंटर निर्माण में समाज के सभी तबके के लोगों ने आर्थिक सहयोग प्रदान किया।
इस पहल में सरिसब पाही गांव के मूल निवासी और दिल्ली में रहनेवाले सफल मैनज्मेंट एक्स्पर्ट ए॰एन॰ झा और पटना में रहनेवाले एजुकेशन स्पेशलिस्ट कमल नाथ झा और दिल्ली के पत्रकार मदन झा ने प्रारम्भिक समय से ही अमूल्य भागीदारी निभाया है। स्थानीय युवाओं के इस अनुपम पहल कीं जानकारी प्राप्त होने पर इसी इलाक़े के मूल निवासी संजय झा जो मुंबई में कार्यरत है ने गाँव के ग्रूप मधुबनी स्थित पत्रकार उदय कुमार झा से सम्पर्क किया और यथा सम्भव मदद करने का भरोसा दिया। उज्जन गाँव के निवासी संजय से अपने आई॰आई॰टी॰ के मित्रों के सहयोग से मेडिकल इक्विप्मेंट का इंतज़ाम कर दिया। मुंबई स्तिथ संस्था “डॉक्टरस फ़ोर यू” के साथ साथ
आईआईटी खरगपुर और INSEAD business school से पूर्ववर्ती छात्रों ने 4 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर ऑक्सीमीटर ,पीपी किट जल्दी उपलब्ध करवा दिया है।
कोविड सुरक्षा बचाव व रोकथाम को ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों के बीच जागरूकता की इस नायाब मिशाल की चहुंओर प्रशंसनीय हों रही है।जिले के पंडौल प्रखंड के सरिसब-पाही पंचायत में बुद्धिजीयोंं-समाजसेवियों ने अपने आपसी निधि संचय कर कोविड बचाव सुरक्षा व रोकथाम सभी आयामों की व्यवस्था कर ली है।
इस पहल के संयोजक और पंचायत के मुखिया रामबहादुर चौधरी ने बताया कि सरिसब पाही शिक्षा व आर्थिक दृष्टिकोण से सबल है।परन्तु स्वास्थ्य विभाग की कथित अकर्मण्यता के कारण पंचायत का एपीएचसी बंद है।इलाज के लिए 20 किमी मधुबनी मुख्यालय ही सहारा है।खासकर कोविड संक्रमण के समय यहां के 10 गांवों हाटी,बिठ्ठो,रामपुर , इशहपुर,कल्याणपुर,लालगंज,लोहना,पाही, भट्टपूरा, कोइलखाहा में कोई चिकित्सा सुविधा नही है। इसी कारण ग्रामीणों के साथ विमर्श कर कोविड संक्रमितों की फ़र्स्ट एड इलाज को युवाओं के सहयोग छोटा प्रयत्न किया गया है।