अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर एआईसीसी मुख्यालय में किसी भी तरह की हलचल नहीं है। सचिन पायलट पार्टी आलाकमान से मुलाकात के लिए हाथ पैर मार रहे हैं लेकिन उन्हें समय नहीं दिया जा रहा है। आलम यह है कि पायलट को यह भी पता नहीं कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी दिल्ली में उपलब्ध हैं या नहों। अपने सिपहसलार के कहने पर पायलट दिल्ली तो आ गए लेकिन तीनों आलाकमान सैर सपाटे के लिए दिल्ली से बाहर हैं। इतना जूर हुआ है कि कांग्रेस अलाकमान की पहल के कारण प्रदेश की राजनीति, निगम बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्तियां और मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर आलाकमान इसे और लंबा खींचना नही चाहती है। इस बाबत संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दे दिया गया है। जिस कारण कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। वहीं जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी पिछले 2-3 दिन में कई विधायक और मंत्री मिले हैं। सीएम मंत्रियों-विधायकों का मन टटोल रहे हैं और फीडबैक ले रहे हैं। जून के अंत में या जुलाई माह में कई सारी नियुक्तियां हो सकती है। उसके तुरंत बाद करीब अगस्त माह में मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार किया जा सकता है।
डैमेज कंट्रोल की हो रही है कवायद
इस तरह की कवायद के पीछे एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल होने पर विधायकों की नाराजगी बड़े स्तर पर सामने आ सकती है। इसे लेकर पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।ं वहीं सियासी संकट के दौरान सरकार का साथ देने वाले कई विधायक भी मंत्री बनने का सपना संजोए हुए हैं। बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को जहां मंत्रिमंडल में जगह मिलने का इंतजार है, तो सरकार का साथ देने वाले कुछ निर्दलीय विधायक भी इस कतार में हैं। जबकि मंत्रिमंडल में खाली पद केवल 9 हैं। ऐसी स्थितियों में जिसे भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी वही बगावत का रास्ता अख्तियार कर सकता है। इसे लेकर पहले ही मन टटोले जा रहे हैं साथ ही ऐसा फॉर्मूला लाने की भी कवायद हो रही है. जिससे कम से कम डैमेज हो। इस तरह की चर्चाएं हैं कि जो विधायक पहली बार जीतकर आए हैं उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी और इन्हें राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट किया जा सकता है। वहीं वर्तमान मंत्रिमंडल में शामिल नॉन परफॉर्मर कुछ मंत्रियों को भी बाहर कर उनकी जगह नए चेहरे लिए जाएंगे।
सचिन को महासचिव और प्रभारी पद अफवाह
इस बीच सचिन के दिल्ली प्रवास के दौरान कांग्रेस महसचिव और प्रभारी बनाए जाने और पायलट द्वारा इसे अस्वीकार कर दिए जाने बात को एक वरिष्ठ नेता इसे महज अफवाह करार दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस में सिर्फ शिकायतें सुनने के बाद समाधान किया जाता है, न कि दबाव के तहत शर्ते रखी जाती है। हलांकि सचिन खुद दिल्ली प्रवास को निजी बताते हुए किसी से मुलाकात करने की बात से इनकार कर चुके है।
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विधायक सोलंकी के फोन टेप प्रकरण को कांग्रेस अनुशासनहीनता माना
विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के फोन टेप के आरोपों के प्रकरण में कांग्रेस नेतृत्व इसे अनुशासनहीनता मान रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने इस बारे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही आलाकमान ने विधायक के बयानों को गंभीर मानते हुए अब तक जो बयान दिए है उनकी जानकारी मांगी है।
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भाजपा ने सचिन पायलट के लिए खोले दरवाजे,
देश को प्राथमिकता देने वालों का स्वागत हैः राज्यवर्धन
राजस्थान में अपनी ही सरकार और सीएम अशोक गहलोत से नाराज चल रहे कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए भाजपा ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं। पायलट को इशारों ही इशारों में ऑफर देते हुए भाजपा नेता ने कहा है कि पार्टी का दरवाजा उन सभी लोगों के लिए खुला हुआ है जो देश को पहली प्राथमिकता देते हैं।
राजस्थान के सासंद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी में कोई विजन नहीं बचा है और इसलिए नेताओं को पार्टी छोड़कर विजन वाली दूसरी पार्टी में जाना होगा। सचिन पायलट के भाजापा में शामिल होने के सवाल के जवाब में राठौर ने कहा कि हमारी पार्टी उन सभी लोगों के लिए खुली हुई है जो देश को प्राथमिकता देते हैं और अपनी विचारधारा ’इंडिया फर्स्ट’ कर सकते हैं।