जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई है। माना जा रहा है कि 20 से ज्यादा नए चेहरे मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में आगामी विधानसभा चुनाव वाले राज्यों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पहले से ही अतिरिक्त प्रभार और इससे ज्यादा मंत्रालय संभाल रहे कई मंत्रियों का बोझ भी कम किया जा सकता है। मोदी कैबिनेट में उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा जगह मिलने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही मंत्रिपरिषद में फेरबदल होने की ‘प्रबल संभावना’ के बीच शाह और संतोष ने रविवार को प्रधानमंत्री के निवास पर उनके साथ कई घंटों तक चर्चा की. कुछ सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण बुधवार तक हो सकता है।
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया। मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा, ‘मैं इस पर कोई कमेंट नहीं कर सकता हूं।’
मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं के बीच असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और नारायण राणे समेत कई नेताओं को आज ही दिल्ली बुलाया गया है। ज्यादातर सांसद और नेता तीन आज दोपहर दिल्ली पहुंच रहे हैं।
महाकाल के दर्शन करने पहुंचे सिंधिया
मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कुछ नेताओं को फोन किए गए हैं। ये फोन उन नेताओं को किए जा रहे हैं, जिनका नाम सूची में शामिल किए जार रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी दिल्ली बुलाने की खबरें आ रही हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले सिंधिया उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने पहुंचे और पूजा अर्चना की।
दिल्ली के लिए रवाना हुए सोनोवाल
असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को भी दिल्ली बुलाया गया है। सोनोवाल गुवाहाटी से दिल्ली के लिए रवाना हो गया है।
सूत्रों की मानें तो जिन लोगों को मंत्रिपरिषद के भावी फेरबदल और विस्तार में शामिल किया जा सकता है, उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा, राकेश सिंह, नारायण राणे, हिना गावित, संध्या राय, सुनीता दुग्गल, जदयू नेता आरसीपी सिंह, ललन सिंह व संतोष कुमार आदि के नाम मुख्य रूप से चर्चा में हैं।
मोदी सरकार में अभी भाजपा के सहयोगी दलों से एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं है। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले अकेले राज्य मंत्री हैं। ऐसे में कुछ और सहयोगी दलों को भी विस्तार में जगह दी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस महीने के आखिर या अगले महीने की शुरुआत में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला विस्तार संभव है। इसमें जदयू, अन्नाद्रमुक, अपना दल और लोजपा के नए धड़े को भी मंत्री पद मिल सकता है।
बता दें कि जब मोदी सरकार बनी थी, तो कुल 57 मंत्री बनाए गए थे। इनमें 24 कैबिनेट, नौ स्वतंत्र प्रभार और 24 राज्यमंत्री शामिल थे। हालांकि, इनमें से कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं। शिवसेना एवं अकाली दल के अलग होने और रामविलास पासवान के निधन के बाद कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 21 रह गई है। एक राज्यमंत्री का भी निधन हुआ। इस प्रकार अभी कुल 53 मंत्री ही हैं, जबकि संविधान के अनुसार, मंत्रियों की संख्या 79 तक हो सकती है। बीते एक साल से करोना के चलते मंत्रिमंडल विस्तार की स्थितियां नहीं बन पाई थीं, लेकिन अब मंत्रिमंडल के विस्तार की तैयारी है।