जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़ । पंजाब कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान को शांत करने के लिए आला कमान की ओर से कोई फार्मूला पेश करने से पहले कांग्रेस नेता नवजोत सिद्दू ने मंगलवार को एक ट्वीट कर पार्टी नेताओं को असमंजस में डाल दिया। सिद्धू ने ट्वीट किया की आम आदमी पार्टी (आप) ने हमेशा से ही उनके काम और विजन को पहचाना है। सिद्धू के ट्वीट पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के विरोध के बीच सिद्धू को पीपीसीसी प्रमुख के रूप में नियुक्त करने की खबरें चल रही हैं, ऐसे में उनके इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा सकते हैं।
दरअसल, आप के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान ने ट्विटर पर सिद्धू को चुनौती दी थी कि वह उन कॉरपोरेट्स का मुद्दा उठाएं जो 2 निजी थर्मल प्लांट चला रहे हैं। मान ने कहा कि पीपीए पर ट्वीट करने वाले सिद्धू को भी उनकी चुनौती का जवाब देना चाहिए।
इस पर सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘हमारे विपक्षी आप ने हमेशा पंजाब के लिए मेरे विजन और काम को पहचाना है। 2017 से पहले की बात हो – ड्रग्स, किसानों के मुद्दे, भ्रष्टाचार और बिजली संकट का सामना पंजाब के लोगों ने मेरे द्वारा किया या आज जैसा कि मैं ‘पंजाब मॉडल’ पेश करता हूं, यह स्पष्ट है कि वे जानते हैं – वास्तव में पंजाब के लिए कौन लड़ रहा है।’ एक अन्य ट्वीट में, सिद्धू ने कहा, ‘विपक्ष ने मुझसे सवाल करने की हिम्मत की, फिर भी वे मेरे जन-समर्थक एजेंडे से नहीं बच सकते …’
नवजोत सिद्धू के ट्वीट के बाद उनके आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि कुछ दिन पहले ही सिद्धू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था। सिद्धू ने ट्वीट किया कि प्रदेश को दिल्ली मॉडल की नहीं, बल्कि पंजाब मॉडल की जरूरत है। नीति पर काम न करने वाली राजनीति महज नकारात्मक प्रचार है और लोकपक्षीय एजेंडे से वंचित नेता राजनीति सिर्फ बिजनेस के लिए करते हैं। इसलिए विकास बगैर राजनीति उनके लिए कोई मायने नहीं रखती है।
वह दोबारा जोर देकर कह रहे हैं कि पंजाब के विकास के लिए पंजाब मॉडल की जरूरत है। वह बादलों पर दूरदर्शी न होने का आरोप नहीं लगा रहे, क्योंकि वह जानते हैं कि दूरदृष्टि तो उनके पास है ही नहीं। बादलों ने गलत बिजली खरीद समझौते करके पंजाब को थर्मल बिजली प्लांटों से उत्पादित बिजली के साथ बांध कर रख दिया, जिसके लिए हम दशकों तक बड़ी कीमत चुकाते रहेंगे।
सिद्धू ने लिखा कि दिल्ली मॉडल नहीं, दिल्ली अपनी बिजली खुद पैदा नहीं करती और इसका वितरण रिलायंस व टाटा के हाथों में है। जबकि पंजाब अपनी 25 प्रतिशत बिजली खुद पैदा करता है और बिजली पूर्ति पावरकॉम के जरिये करके हजारों लोगों को रोजगार भी देता है।